Wednesday 14 November 2012

आजतक भारत में किसी भी आतंकवादी को दो हप्ते के रिमांड पर नही भेजा गया .. चिताम्बरम का फोटो खीचने वाले की पुलिस ने दो हप्ते की रिमांड की मांग की |


आजतक भारत में किसी भी आतंकवादी को दो हप्ते  के रिमांड पर नही भेजा गया .. चिताम्बरम का फोटो खीचने वाले की पुलिस ने दो हप्ते की रिमांड की मांग की |
वैसे अब मुसलमानों की आँखे खुल जानी चाहिए | फोटो खीचने वाला शख्स इंजिनियर है और अपने परिवार के साथ विदेश जा रहा था तभी उसे एयरपोर्ट पर चिताम्बरम दिखे उसने सिर्फ ललक में अपने मोबाइल से उनका फोटो लेना चाहा .. चिताम्बरम की नजर उसपर पड़ी और उन्होंने अपने सुरछा अधिकारी से उसे गिरफ्तार करने का आदेश दिया |

ये मुस्लिम युवक करीब दस दिनों से जेल में बंद है और देश की सभी बड़ी जाँच एजेंसिया चेन्नई जाकर इससे पूछताछ कर रही है |

मित्रो, सोचिये जब भी कांग्रेस को मुसलमानों का वोट लेना होता है तब वो उनके कदमो में किसी कुत्ते की तरह लोटने लगती है लेकिन वोट लेने के बाद उन्ही मुसलमानों का हाल ये कांग्रेस क्या करती है ये आज पूरा देश देख लिया | लेकिन इसके जिम्मेदार खुद मुसलमान है क्योकि बीजेपी और संघ का डर दिखाकर कांग्रेस मुसलमानों को बरगलाकर उनका वोट लेती है |

मित्रो, कुछ साल पहले एक मुस्लिम युवक ने बकायदा मेल करके नरेंद्र मोदी को जान से मारने की धमकी दी और और साथ ही लिखा था की वो और उसके साथी इस बारे में काम कर रहे है | फिर आईबी और रा ने उसे गिरफ्तार किया .. लेकिन उस युवक ने कहा की वो सिर्फ मस्जिद में अपने धर्मगुरुओ की मोदी विरोधी तकरीर [भाषण] सुनकर जोश में आकर ये मेल किया था | मोदी जी ने उस युवक को माफ़ कर दिया और उसके खिलाफ दर्ज केस वापस लेने का आदेश दिया | इतना ही नही उन्होंने उस युवक के पुरे परिवार के साथ अपने घर पर डिनर किया | उस युवक का दादा राज्यपाल रह चूका है और कांग्रेसी है उसने कहा की मीडिया ने नरेंद्र मोदी के बारे में सिर्फ और सिर्फ गलतफहमी ही फैलाई है |

चिताम्बरम का फोटो खीचने वाली की पत्नी बीबी नुजहत ने मीडिया से कहा की क्या चिताम्बरम नरेंद्र मोदी से सीख नही ले सकते ? जिस मोदी को कांग्रेस मुसलमानों का दुश्मन कहती है उसी मोदी ने मेल करके जान से मारने की धमकी देने वाले मुस्लिम युवक को एक मिनट भी जेल नही जाने दिया और मेरे पति को मुसलमानों की तथाकथित मसीहा बनने वाली कांग्रेस ने सिर्फ चिताम्बरम का फोटो खीचने के लिए दस दिनों से जेल में डाला है |

आयरलैंड में अस्पताल में भारतीय डाक्टर महिला की मौत :::: मिसकैरेज होने पर अस्पताल ने कैथोलिक देश होने से ओबोर्शन करने से मना किया | अस्पताल ने कहा -- हमारे लिए किसी की जान से ज्यादा कीमती कैथोलिक ईसाई धर्म के सिधांत है |



क्या भारत के सेकुलर कुत्ते और सेकुलर सूअर इस खबर पर भी अपनी छाती कूटने दिल्ली और भारत में कई जगहों पर स्थित मुख्य कैथोलिक केन्द्रों पर जायेंगे ?

भारत की नीच और ईसाई चर्चो के पैसे से पोषित हरामी मीडिया इस खबर पर खामोश क्यों है ?

 31 साल की डा.सविता हलप्पनवार को 14 हफ्तों की प्रेग्नेंसी थी। मिसकैरेज के चलते उन्हें हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया था। इन हालात में सविता को भयंकर दर्द का सामना करना पड़ रहा था। डॉक्टर भी मान चुके थे कि बेबी को बचाया नहीं जा सकेगा, लेकिन फिर भी उन्होंने सविता का अबॉर्शन नहीं किया। डॉक्टरों का कहना था कि 'कैथलिक' धर्म इसकी इजाजत नहीं देता। उनके मुताबिक जब तक गर्भ में पल रहे भ्रूण की धड़कनें बंद नहीं हो जातीं, तब तक ऐसा नहीं किया जा सकता।
सविता पुरे तीन दिनों तक भयंकर दर्द से चिल्लाती रही .. उन्होंने डाक्टरों से कहा की उन्हें ही मौत का इंजेक्शन दे दे क्योकि उनसे भयंकर दर्द सहा नही जा रहा है |
उनके पति ने आयरलैंड के स्वास्थमंत्री से भी सम्पर्क किया जो खुद एक महिला है और उन्होंने भी कहा की हम अपने धर्म से बहुत प्यार करते है और जब तक बच्चे की धडकन बंद नही हो जाती तब तक अबोर्शन करने की इजाजत नही दी जा सकती |

अंत में तीन दिनों तक भयंकर दर्द से तडपते हुए सविता की मौत हो गयी | रस्सो के मुताबिक भारत के राजदूत ने अस्पताल आकर दुःख मनाया फिर बाहर निकलकर सैपेन्न पीकर वापस चले गये |

लेकिन सबसे बड़ा सवाल ये की भारत सरकार इस मामले पर खामोश क्यों है ?

Friday 9 November 2012

जानिए कौन है ये अनु टंडन ? इनके पति संदीप टंडन की रहस्यमय ढंग से स्विट्जरलैंड में मौत क्यों हुई ? सिर्फ बीएससी पास अनु को मुकेश अंबानी ने आठ हजार करोड़ की पूजी लगाकर एक सोफ्टवेयर कम्पनी मोटेक क्यों दे दिया ? आखिर लगातार घाटे के बावजूद भी मुकेश अंबानी इस कम्पनी को क्यों चलाते रहे ? संदीप टंडन जिस कम्पनी के छापा मारे उसकी कम्पनी के निदेशक कैसे बन गये ? फिर वो मुंबई के बजाय जयूरिख क्यों रहते थे ?




देश की जनता इन सवालों का जबाब गाँधी खानदान से चाहती है ..


१-आखिर अनु टंडन जिसने सिर्फ दो दिन पहले ही कांग्रेस ज्वाइन किया उसे राहुल गाँधी ने सांसद का टिकट क्यों दिया ? और अगर टिकट दिया तो उन्नाव में राहुल गाँधी ने अनु को जिताने के लिए एडी चोटी का जोर क्यों लगाया ?

२- रिलाएंस ग्रुप पर छापा मारने वाले संदीप टंडन के इशारे पर पूरी केंद्र सरकार और गाँधी परिवार क्यों उनके कदमो में गिर जाता था ? आखिर संदीप टंडन ने मुकेश अंबानी के ठिकानो और एचएसबीसी बैंक पर छापे के दौरान ऐसी कौन कौन से दस्तावेज बरामद किये जिससे गाँधी परिवार संदीप टंडन के इशारे पर नाचता रहा ?

३- आखिर संदीप टंडन की स्विट्जरलैंड के ज्यूरिख में हुई रहस्यमय मौत की जाँच क्यों नही हुई ? एक कांग्रेसी सांसद और उपर से राहुल गाँधी के कोर कमेटी का मेबर अनु टंडन के पति की रहस्यमय मौत पर केंद्र सरकार और कांग्रेस खामोश क्यों ?

४- आखिर संदीप टंडन साल में आठ महीने स्विट्जरलैंड में क्यों रहते थे ? उन्होंने वहा घर भी ले रखा था |जब वो रिलाइएन्स में निदेशक के पद पर थे तब वो अपने ऑफिस में रहने के बजाय स्वित्जेर्लैंड में क्यों रहते थे ?

५- छुट्टियाँ मनाने के बहाने बार बार राहुल गाँधी, राबर्ट बढेरा और खुद सोनिया गाँधी बार बार संदीप टंडन के पास ज़ियुरिख स्वीतजरलैंड क्यों जाते थे ?

६-स्विट्जरलैंड स्थित भारतीय दूतावास आनन फानन में संदीप टंडन के शव को भारत क्यों भेज दिया ? जब उनकी मौत प्राकृतिक नही थी तब उनके शव का पोस्टमार्टम क्यों नही किया गया ?



मित्रों, जब लोकसभा चुनावो में कांग्रेस ने उन्नाव से अनु टंडन को टिकट दिया तब यूपी कांग्रेस की अध्यछ और उन्नाव जिले के कांग्रेस अध्यछ तक को नही मालूम था की ये अनु टंडन कौन है ? राहुल गाँधी ने यूपी कांग्रेस के पदाधिकारियो से कहा की ये अनु टंडन हर हाल में जितनी चाहिए इसके लिए कुछ भी करना पड़े | 

मित्रो, शाहरुख़ खान, सलमान खान से लेकर रवीना, कैटरिना आदि बालीयुड के सैकड़ो सितारे उन्नाव में अनु टंडन के प्रचार के लिए आये |

मित्रो, अनु टंडन के पति संदीप टंडन इंडियन रेवेन्यु सर्विस के अधिकारी थे .. ये उस टीम में शामिल थे जिस टीम ने रिलाएंस ग्रुप पर छापा मारा था .. फिर मजे की बात ये है की छापे के कुछ महीनों के बाद ही नाटकीय ढंग से ये सरकारी नौकरी छोडकर रिलाएंस इंडस्ट्रीज के बोर्ड में शामिल हो गये . जबकि ये गलत था | 

और तो और इनकी पत्नी अनु टंडन जो सिर्फ बीएससी [बायो] पास थी और जिनके पास कोई अनुभव तक नही था ..उनको मुकेश अंबानी ने अपनी सोफ्टवेयर कम्पनी मोतेफ़ का सर्वेसर्वा बना दिया . आखिर क्यों ? 

मित्रो, असल में संदीप टंडन ने छापे के दौरान कई ऐसे कागजात और सुबूत बरामद किये थे जिससे पता चलता था की गाँधी खानदान के कालेधन को मुकेश अंबानी सफेद कर रहे है | असल में अमेरिका और भारत सहित कई देशो में स्विस बैंको के खिलाफ गुस्सा फैला है और स्विस सरकार अमेरिका, जर्मनी सहित कई देशो से संधि कर चुकी है की वो अपने यहाँ जमा कालेधन का ब्यौरा देगी | इससे गाँधी खानदान ने अपने कालेधन को निकालकर मुकेश अंबानी को देकर उसे सफेद करने में जुट गया |

देश की कई एजेंसिओ को भनक लगी की मुकेश अंबानी हवाला में माध्यम से  दुबई से कालाधन अपनी कम्पनी में कमिशन लेकर सफेद कर रहे है तो डीआरआई ने मुकेश अम्बानी के ठिकानो पर अचानक छापा मारा जिसका नेतृत्व संदीप टंडन कर रहे थे | फिर मुकेश अंबानी और गाँधी परिवार ने मुंहमांगी कीमत देकर संदीप टंडन को ही खरीद लिया |

मित्रो, सोचिये एक बड़ा सरकारी अधिकारी जिस कम्पनी पर छापा मारता है वो सिर्फ चंद महीने के बाद उसकी कम्पनी का निदेशक कैसे बन जाता है ? 

केंद्र सरकार ने संदीप टंडन की वीआरएस की अर्जी तुरतं ही मंजूर कैसे कर ली ? 

संदीप टंडन की रहस्मय मौत की खबर  जिन जिन वेब साईट पर थी उन साइटों को केंद्र सरकार ने किसके आदेश से ब्लोक कर  दिया ?

मित्रो, सोचिये जिस महिला को राजनीती का एक दिन का भी अनुभव न हो उसे राहुल गाँधी अपनी कोर ग्रुप की सबसे अहम सदस्य कैसे बना सकते है ? आखिर इसके पीछे क्या राज है ? 

Thursday 1 November 2012

तंदूर वाली नयना साहनी से लेकर अभिषेक मनु सिंघवी और "चचा रंगीले" से लेकर मदेरणा-ND तिवारी की महान परम्परा का निर्वहन करने वाली कांग्रेस को, मोदी जी के बयान के बाद अचानक "महिलाओं के सम्मान" की चिंता सताने लगी है… कांग्रेसी और सरकारी कुत्ता यानी मीडिया भूल गये जब केन्द्रीय मंत्री श्रीप्रकाश जैसवाल ने कहा था की जब बीबी पुरानी हो जाती है तब मजा नही देती | सरकारी कुत्ते और कांग्रेसी भूल गये जब हरियाणा कांग्रेस का प्रवक्ता ने कहा था की लड़कियां अपनी मर्जी और सहमती से अपना बलात्कार करवाती है |



अर्जुन झूठवाडिया .. और दिग्विजय सिंह मै तुम्हारी घटिया बातो का क्या जबाब दूँ ? क्योकि गुजरात की प्रजा पिछले २० सालो से तुम्हारी बदतमीजी और वाणीविलास का जबाब खूब दे रही है ...

फिर भी जरा बताओ ....

1- नारी जाति का अपमान तब नही हुआ जब वरिष्ट कांग्रेसी नेता एन डी तिवारी ने शादी का झांसा देकर एक महिला का पहले तलाक करवाया फिर बेटा पैदा करके छोड़ दिया |

2- नारी जाति का अपमान तब भी नही हुआ जब इसी तिवारी ने राजभवन को वेश्यालय बना दिया और एक साथ चार चार नाबालिक लडकीयों से कामक्रीड़ा करते हुए एक स्टिंग ओपरेशन में कैद हुआ |

3- नारी जाति का तब भी अपमान नही हुआ जब पूर्व केन्द्रिय मंत्री ए आर अंतुले ने कहा था की महिलाये सिर्फ चारदीवारियों में कैद होने के लिए बनी है |

4- नारी जाति का अपमान तब भी नही हुआ जब राजस्थान के कांग्रेसी केबिनेट मंत्री मदेरणा ने एक दलित महिला को प्रोमोशन का लालच देकर कई बार बलात्कार किया फिर हत्या करवा दी |

5- नारी जाति का तब भी अपमान नही हुआ जब कांग्रेस के हरियाणा के गृहमंत्री गोपाल कांडा अपने से ३० साल छोटी लड़की को बरगलाकर सेक्स किया फिर आत्महत्या करने पर मजबूर कर दिया |

6- नारी जाति का अपमान तब भी नही हुआ जब कांग्रेस के वरिष्ट सांसद और मुख्य प्रवक्ता अभीसेक्स मनु सिंघवी ने एक महिला को जज बनाने का लालच देकर बारम्बार बलात्कार किया |

7- नारी जाति का अपमान तब भी नही हुआ जब कांग्रेसी नेता और हरियाणा के उपमुख्यमंत्री चद्रमोहन ने इस्लाम कुबूल करके २० दिन के लिए अनुराधा उर्फ़ फिजा से शादी किया फिर जी भर जाने के बाद उसे लन्दन से तलाक देकर वापस हिन्दू बनकर अपनी पहली पत्नी के पास लौट गये और फिजा को मरने के लिए छोड़ दिया |

8- नारी जाति का तब भी अपमान नही हुआ जब केन्द्रीय मंत्री श्रीप्रकाश जैसवाल ने कहा की बीबी जब पुरानी हो जाती है तब मजा नही देती |

9- नारी जाती का अपमान तब भी नही हुआ जब हरियाणा कांग्रेस के प्रवक्ता ने कहा की लडकीयाँ अपनी मर्जी और सहमती से अपना बलात्कार करवाती है ..
फिर जब मोदी ने सुनन्दा पुष्कर के बैंक खाते में ५० करोड़ दुबई से ट्रांसफर होने फिर उसे सच पाए जाने पर शशी थरूर को मंत्रीमंडल से हटने पर बोला तो इसमें नारी जाती का अपमान कैसे हो गया ?
 
क्या अब मोदी जैसे देशभक्त को इन नीच हवस और वासना के पुजारी कांग्रेसियो से सीखना पड़ेगा की प्यार क्या होता है ? प्यार क्या होता है ए शशी थरुर और श्री प्रकाश जायसवाल अच्छी तरह से जानते हैं जैसवाल कहते हैं की बीबी पुरानी हो जाये तो वो मजा नहीं रहता इसलिये शासी थरुर ने पहली वाली बीबी को छोड़कर नयी शादी की है ताकि वो प्यार का मतलब और गहराई से समझ सके. यही है कांग्रेस का असली चेहरा. इसलिये मोदी पर सवाल उठने वाले पहले अपना चेहरा सीसे मे देख ले.
अपनी 50 करोड़ की अनैतिक कमाई वाली गर्ल फ्रेंड को उससे भी कीमती बताया शशि थरूर ने !

मेरी बेगम बेशकीमती है !मोदी जी को कहा किसी को प्यार करके देखे !! अबे नीच कांग्रेसी तेरी तीसरी शादी है और तेरी बीबी की चौथी शादी है ...

मित्रो, सुनन्दा पुष्कर एक सेना के अधिकारी की पुत्री थी , ये सबसे पहले अपने मुस्लिम रसोइये के साथ भाग गयी थी .. फिर उसे छोडकर किसी और से शादी की .. इसके दो पतियो से तीन बच्चे है ... इसके तीसरे पति का निधन हो गया था ..

जब शशी थरूर ने अपना और दुसरे कांग्रेसी नेताओ के काले धन को सफेद करने के लिए कोच्ची टीम बनाई फिर उसी समय सुनन्दा पुष्कर के एकाउंट में ५० करोड़ रूपये ट्रांसफर हुए ..फिर और जाँच में पता चला की कोच्ची टीम के मालिको में एक नाम शशी थरूर का भी है .. फिर संसद में इसने कहा थी ये किसी सुनन्दा पुष्कर को जनता तक नही है .. पहचानता तक नही है |

लेकिन सुबूत इतने थे की इसे मंत्री पद छोड़ना पड़ा |

फिर जब बुराड़ी में कांग्रेस का अधिवेशन हुआ था तब सोनिया ने मंच से कहा की उन्होंने भ्रष्टाचारी शशी थरूर को हटा दिया .. जिससे ये अधिवेशन छोडकर चला गया था और सोनिया को कड़ी चिठ्टी भी लिखी थी |

फिर ये शशी और दुसरे कांग्रेसी किस मुंह से मोदी जी के बयाँन को गलत कह रहे है ?
मतलब घोटाला करो, अपनी गर्ल फ्रेंड के खाते मे 50 करोड़ डालो ! संसद मे उछल उछल कर कहो की उसके साथ मेरा कोई संबंध नहीं ! इस लिए क्लीन चीट ले लो ! और फिर कुछ ही दिनो मे उसी गर्ल फ्रेंड से शादी कर लो जिससे आपका संसद मे किसी भी प्रकार का संबंध नहीं था ! ? ये काम करके बताओ फिर कहो की आपने अपनी पत्नी का नाम ले कर देश को लूट कर उसे बेशकीमती बना दो ! जिससे कोई देश से प्यार करनेवाला उसका अवमूल्यन कर के सिर्फ 50 करोड़ कीमत की बताए ! तो उसकी असल रकम जो देश ने चुकाई वो तो आप ही जानते होंगे ना | 

अरविन्द केजरीवाल के प्रेस कांफ्रेंस में हंगामा करने और जूता फेकने के लिए कांग्रेस नेता जगदीश शर्मा को राबर्ट बढेरा ने भेजा था ... ये रहा सुबूत ...












मित्रो, भारत एक लोकतांत्रिक देश है और भारत के स्वस्थ लोकतंत्र की पूरी दुनिया तारीफ करती है | भारत के नागरिक हमेशा लोकतांत्रिक मूल्यों का सम्मान करते है | लोकतंत्र में विरोध करने की एक परम्परा नही है लेकिन भारत का कानून या सम्विधान किसी के आवाज को दबाने की इजाजत नही देता |

लोकतंत्र में मतभेद हो सकते है लेकिन किसी को भी कानून अपने हाथ में लेकर किसी के उपर जूता फेकने या किसी की प्रेस कांफ्रेंस में हंगामा करने की अनुमति नही है |
केजरीवाल सिर्फ कांग्रेस पर हमला नही कर रहे है बल्कि केजरीवाल बीजेपी पर भी हमला कर रहे है |  लेकिन बीजेपी ने कभी किसी को केजरीवाल पर जूता फेकने के लिए नही भेजा | लेकिन नीच कांग्रेसी कभी लोकतंत्र में विश्वास नही रखते ..कांग्रेसी ऐसा मानते है की भारत में राजशाही है और भ्रष्ट सोनिया भारत की महारानी है और भोदू राहुल भारत का युवराज है | 

मित्रो, केजरीवाल की प्रेस कॉन्फ्रेंस में हंगामा करने वाला जगदीश शर्मा कोई मामूली इन्सान नही है | ये जगदीश शर्मा गाँधी परिवार का बेहद करीबी है | ये बेरोकटोक राबर्ट बढेरा या सोनिया के घर १० जनपथ में जा सकता है | इसे केजरीवाल पर हमला करने के लिए खुद राबर्ट बढेरा ने ही भेजा था क्योकि राबर्ट बढेरा जैसे लुटेरे का नंगा सच पूरी दुनिया के सामने आ गया |

मित्रो, बड़े -बड़े केन्द्रीय मंत्री और बड़े-बड़े कांग्रेसी नेता और कई राज्यों के मुख्यमंत्री सोनिया गाँधी ने तलवे चाटने या सोनिया गाँधी के पैरो की धुल अपने सरमाथे पर लगाने के लिए तरस जाते है | कई कई दिनों के बाद किसी राज्य के मुख्यमंत्री को सोनिया गाँधी से मिलने का एप्वाइंटमेंट मिलता है वो सिर्फ उनको जो अपने राज्यों में सरकारी दामाद राबर्ट बढेरा को जमीन लुटने की खुली छुट देते है |
 अब आप ही देखिये की केजरीवाल पर हमला करने वाला जगदीश शर्मा इस महाभ्रष्ट गाँधी खानदान का कितना करीबी है |

Saturday 27 October 2012

मीडिया के दोगलेपन और झूठे और प्रोपेगेंडा का नंगा सच --- आपकी आंखे खुल जाएँगी की ये नीच मीडिया पैसे लेकर कैसे किसी झूठे बात को फैलाती है |



मित्रो २७ अक्तूबर को टाइम्स ऑफ़ इंडिया के अहमदाबाद एडिशन में मुख्य पेज पर एक कवर स्टोरी छपी है "बिटर ट्विर ट्रुथ फॉर नरेंद्र मोदी" | इसमें इसने बताया है की मोदी के ट्विटर पर फेक फलोवर है | जबकि आज खुद  ट्विटर ने उस एप्स को गलत बताया जिसके आधार पर ये बात कही गयी है | लेकिन इस एप्स पर जाकर यदि हम किसी के भी फलोवेर को चेक करे तो सबके बारे में फेक फलोवर आते है तो फिर ये टाइम्स ऑफ़ इंडिया ने सिर्फ मोदी जी को ही क्यों टार्गेट किया ? यदि आप टाइम्स ऑफ़ इंडिया के फलोवर को देखेंगे तो उसमे भी ४४% फेक फलोवर है फिर इस अख़बार ने अपने बारे में क्यों नही लिखा ?

मित्रो, असल में बेनेट एंड कोलमेन ग्रुप जिसका फंडिंग इटली, साइप्रस से होता है और जिसमे ८३% निवेशक विदेशी है इसलिए ये अख़बार कट्टर हिन्दू विरोधी है | आजतक इस अख़बार ने कभी किसी कांग्रेसी नेता या किसी मुस्लिम नेता के बारे में कुछ नही छापा | नितिन गडकरी पर हर रोज ये कुछ न कुछ छाप रहा है .. लेकिन इसने कभी राबर्ट बढेरा पर कोई स्टोरी नही छापी |

इसके  गुजरात का चीफ मनोज मित्ता पर गुजरात दंगो के जाँच के लिए बनी एसआईटी ने कड़ी टिप्पड़ी की है ... ये वही मनोज मित्ता है जिसने संजीव् भट्ट और तीस्ता जावेद को कई झूठे एफिडेविट बनाने में मदद किया था | जब कोर्ट ने तीस्ता के झूठे एफिडेविट की जाँच करवाई तब इसका नाम सामने आया और इसने कोर्ट में लिखित माफ़ी मांग ली | संजीव भट्ट का जो तीन एफिडेविट सुप्रीमकोर्ट ने फर्जी पाया वो भी इसने बनाया था |

मित्रो, ये मनोज और इसका अख़बार टाइम्स ऑफ़ इंडिया कितना नीच सोच रखता है ये इसी बात से पता चलता है कि जब गुजरात ने गुटका पर बैन लगाया तब इसने इसके खिलाफ कई हप्ते तक अभियान चलाया |
 ये गुटके की फैक्ट्री में काम करने वालो के बड़े बड़े फोटो छापकर कहता था की क्या ये बेरोजगार नही हो जायेगे ? इसने यहाँ तक लिखा की मोदी गरीब विरोधी मानसिकता रखता है इसलिए मोदी ने गुटके पर बैन लगाया |

मित्रो, इस फोटो को देखीये और ट्विटर की असली कहानी समझिये










Friday 26 October 2012

वाह क्या नज़ारा है.....!! मुर्ख इन्सान पूरी जिन्दगी मुर्ख ही रहेगा भले ही वो कई हजार बुद्धिजीवी कुत्तो को पाल ले !!! भ्रष्टाचार पर राहुल गाँधी को लिखा हुआ भाषण महाभ्रष्टाचारी वीरभद्र सिंह ने दिया .



वीरभद्र सिंह जैसे महा भ्रष्टाचारी कांग्रेसियों के कम दिमाग भोंदू युवराज को भाषण याद करा रहा हैं, ये भाषण कहाँ से निकाल कर दिया ये भी आपने देख लिया होगा l
अब 'वहां' से निकाले गए इस कागज़ के टुकड़े पर कुछ ऐसा लिखा था :

"हमने देश के लिये बहुत योगदान दिया है.....अपना सब कुछ देश के लिये लगा दिया है | हमने भ्रष्टाचारीयो पर कड़ी करवाई की .. उन्हें जेल भेजा ...
वही अन्य फ़ालतू बकवास जिसका सत्य का दूर दूर तक कोई नाता नहीं l

कोई मीडिया का हकला कुत्ता इस दोगले भोदू युवराज से पूछने की हिम्मत क्यों नही करता कि किस भ्रष्टाचारी पर तेरी नीच कांग्रेस ने अपने अपने मन से करवाई की ? संसद में प्रधानमंत्री ने कहा कि मुझे ए राजा पर उतना ही विश्वास है जितना मुझे अपने आप पर है .. दो साल तक ए राजा को तुमने बचाया लेकिन पाप को कभी कोई आज तक छुपा नही सका है पाप तो असमान पर चढकर बोलता है |
२ जी में कपिल सिबल "जीरो लॉस" की थियरी लेकर आये |


कलमाड़ी को पुरे एक साल तक बचाया .....

लेकिन जब सुप्रीम कोर्ट ने पुरे मामले की जाँच अपने हाथ में ली और खुद सुप्रीम कोर्ट जब जाँच की मोनिटरिंग करने लगा तब जाकर भ्रष्टाचारी जेल गये | जो भी भ्रष्टाचारी जेल गया वो केंद्र सरकार या कांग्रेस की वजह से जेल नही गया बल्कि सुप्रीमकोर्ट की सख्ती की वजह से गया |

इन नीच कांग्रसियो को दुसरे के कार्य का श्रेय खुद लेने की आदत पड़ गयी है ... अभी तो सुप्रीम कोर्ट ने सिर्फ एक महिला कांग्रेसी नेत्री के बेटे का डीएनए टेस्ट करवाया तो पचा चला कि असली "मेहनत" किसकी थी !! अगर सभी कांग्रेसियो के डीएनए टेस्ट करवा दिए जाये तो इनको सच पता चल जायेगा कि "मेहनत" किसने किया और उसका श्रेय कौन ले रहा है !!


लेकिन असली बात ये कि २०  साल से राजनीती में रहने वाले राहुल गाँधी की बुद्धि क्या अभी तक इतनी विकसित नही हो पाई की वो अपने मन से भाषण तक नही दे सकते ? अभी भी इनको लिखा हुआ भाषण पढना पड़ता है ?

जो शक्स चंद कुत्तो और चंद चमचो के दम पर भारत का प्रधानमन्त्री बनने का दिवास्वप्न देख रहा है वो खुद कोई भाषण तक नही दे सकता ?

ये बातें तो ये हर चुनावी भाषण में करता है, किसी भी सामान्य बुद्धि वाला व्यक्ति यदि 3-4 एक ही बात दोहराए तो वो उसे रट जाती हैं और फिर उसे किसी प्रकार का रट्टा लगाने की ज़रूरत नहीं पड़ती, परन्तु इस चित्र ने साबित कर दिया है कांग्रेस का युवराज वाकई में कमदिमाग है l यकीन ना हो तो इसके पिछले भाषणों को सुन लीजिये, केवल 2-3 लाइनों को छोड़ कर इसके सारे भाषण एक जैसे ही होते हैं जिनमें ये अपने आपको बहुल वोटरों की जाती से सम्बंधित बताता है या उस प्रदेश की जनता को नशेडी भिखारी जैसे शब्दों से संबोधित करता है l

जागो मित्रो जागो .... इस नीच लुटेरे नकली गाँधी खानदान के खुनीपंजे से इस देश को आज़ाद करवाओ

Thursday 25 October 2012

इंडिया टुडे ओआरजी सर्वे गुजरात विधानसभा चुनाव -- बीजेपी -- 128 सीट ,कांग्रेस -- 48 सीट गुजरात में बीजेपी की सीते बढ़ेंगी ... कांग्रेस की हालत पिछले बार से भी ज्यादा खराब होगी ..


एक और चौकाने वाला खुलासा -- केशुभाई फैक्टर कांग्रेस को ज्यादा नुकसान पहुचायेगा . क्योकि लेवा पटेल के बड़े नेता विठ्ठल राददिया पहले से ही कांग्रेस में है और सौराष्ट्र में उनका अच्छा प्रभाव है वो खुद कई बार लगातार सांसद है और उनका बेटा विधायक है .. लेकिन केशुभाई की वजह से लेवा पटेल कांग्रेस से हटकर जीपिपी को वोट देंगे | सर्वे के अनुसार केशुभाई सौराष्ट्र में बीजेपी का एक वोट काटेंगे तो कांग्रेस का आठ वोट काटेंगे |

इसलिए जनता को गुमराह करने और दुसरे समाज को मुर्ख बनाने के लिए कांग्रेस के कहने पर ही केशुभाई कुछ दिन पहले अहमदाबाद संघ कार्यालय पर आये थे ...

http://indiatoday.intoday.in/story/modi-is-invincible-in-gujarat-india-today-org-survey/1/226194.html

Wednesday 24 October 2012

टीवी पर सौम्य सा दिखने वाला सलमान खुर्शीद निजी जीवन में उतना ही नीच , भ्रष्ट और कट्टर मुस्लिम है .. हिंदुत्व से ये बेइंतिहा नफरत करता है .. इसकी पूरी जन्मकुण्डली पढ़े .



सलमान खुर्शीद का इतिहास बहुत ही दागदार और घिनौना रहा है

मित्रो, कानून मंत्री सलमान खुर्शीद भले ही बहुत धाराप्रवाह अंग्रेजी बोलकर हिंदी बोलने वालो को नाली का कीड़ा कहता है लेकिन सच्चाई ये है की इसका भूतकाल बहुत ही घिनौना और दागदार रहा है |

१- इसकी बहन ने जब घर में कहा की वो एक हिन्दू से प्यार करती है औए उससे ही शादी करेगी तब इसने बहुत हंगामा मचाया था | जबकि इसने खुद एक ईसाई को मुस्लिम बनाकर निकाह किया है |

इसने अपनी बहन पर उस हिन्दू को मुस्लिम बनाने का दबाव डाला ..इतना ही नही इसने उस लडके को भी मुस्लिम बनने के लिए सारे हथकंडे अपनाये | लेकिन अंत में इसकी बहन हिन्दूधर्म स्वीकार करके शादी की |

२- इसने प्रधानमन्त्री कार्यालय की वेबसाइट को जो अपनी सम्पत्ति का कीमत दिखाया है वो सरासर झूठ और फर्जी है | इसके गोवा के पोश विस्तार कोल्गुन्ता में दो फ़्लैट है | इसने अपने ११० वर्ग मीटर फ़्लैट की कीमत मात्र 4 लाख 29 हजार रुपया और १०२ वर्गमीटर फ़्लैट की कीमत मात्र 3 लाख 94 हजार रुपया बताया है |


जबकि गोवा के बाज़ार भाव से एक फ़्लैट की कीमत दो करोड़ से भी ज्यादा होनी चाहिए |
मजे की बात ये है की प्रधानमन्त्री से इससे कोई सवाल जबाब भी नही किया |

३- कई आतंकवादी गतिविधियों में लिप्त मुस्लिम सन्गठन सिमी पर जब इसकी खुद की कांग्रेस सरकार ने प्रतिबन्ध लगाया तब ये अपनी ही सरकार के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में चार सालो तक सिमी का वकील बनकर मुकदमा लड़ा | मजे की बात ये की इसने सिमी के एक रूपये फ़ीस तक नही ली जबकि ये भारत के सबसे महंगे वकीलों में से एक है |
ये सुप्रीमकोर्ट में दलीले देता था की सिमी तो एक सांस्कृतिक सन्गठन है और आतंकवाद से उसका कोई रिश्ता नही है ..फिर जब जज ने कहा की ये बात आपने अपनी खुद की सरकार जिसमे आप मंत्री है उसे क्यों नही बताये ?


इस बारे में जब कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी के पूछा गया था तब उन्होंने कहा की एक वकील का सम्वैधानिक फर्ज है की वो कोई भी केस लड़े | लेकिन यही नीच तिवारी और नीच कांग्रेस जब जेठमलानी राजीव गाँधी के हत्यारे और इंदिरा के हत्यारे का केस लड़ते है तो उनके उपर सवाल उठाते है और उनके घर पर हमला भी करते है |


४- ये दावे के साथ कहता है की जब बाटला हॉउस एनकाउंटर में आतकंवादी मरे तो जैसे ही उनके मरने की खबर सोनिया गाँधी को मिली सोनिया गाँधी छाती पिट पिट कर दहाड़े मारकर रोने लगी | इसने खुद सोनिया की आँखों में आंसू देखा था |


५- ये इतना ज्यादा कट्टरवादी मुस्लिम है कि ये इस्लाम के नाम पर कुछ भी कर सकता है |

बटवारे के बाद जब इसकी खुद की कांग्रेस सरकार ने "एनेमिज प्रॉपर्टीज एक्ट" बनाया जिसमे जो लोग पाकिस्तान गये उनकी सम्पत्ति पर मालिकाना हक भारत सरकार का होगा | चूँकि भारत से सिर्फ मुस्लिम ही पाकिस्तान गये इसलिए इसने इसका विरोध किया | इतना ही नही इसने इसके खिलाफ महमूदाबाद के नबाब के तरफ से कई सालो तक सुप्रीम कोर्ट में अपनी ही कांग्रेस के भारत सरकार के खिलाफ केस लड़ा | जब ये देखा कि ये जीत नही सकता तब इसने अपनी सरकार पर दबाव डलवाकर गुपचुप तरीके से एनेमिज प्रोपर्टीज एक्ट में २०१० में बदलाव करवा दिया | जिससे ये राजा महमूदाबाद का केस जीत गया और फ़ीस के बदले में इसे कुल सम्पत्ति जो करीब चार हजार करोड़ रूपये कि है उसका १०% लिया |

६- २०१० के २जी घोटाले के समय ये कोर्पोरेट मामलो का मंत्री था | जब २ जी में रिलायन्स और एस्सार फंसने लगी तब इसने एक केबिनेट मंत्री होते हुए भी सीबीआई निदेशक को एक पत्र लिखा कि इन दोनों कम्पनियों ए खिलाफ आप कोई जाँच न करे क्योकि इन्होने कुछ भी गलत नही किया है |जाहिर सी बात है इसने सीबीआई को ये पत्र मुफ्त में नही लिखा होगा | इसके इस पत्र को जब प्रशांत भूषण ने आधार बनाकर सुप्रीमकोर्ट में याचिका दायर किया कि कुछ मंत्री इस महाघोटाले की जाँच को प्रभावित कर रहे है तब सुप्रीमकोर्ट के इसे एक कुत्ते की तरफ लतियाया था | इसने बाद में कोर्ट में
माफ़ी मांग ली |


७- इसके ट्रस्ट जाकिर हुसैन मेमोरियल ट्रस्ट ने जो जो घोटाले और पाप किये है वो आजकल सबके सामने आ रहे है |

सावधान !! यदि आप लोगो को भगत सिंह की कहानी या अम्बेडकर के संघर्षों की कहानी लोगो को बतायेंगे तो कांग्रेस सरकार आपको देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार भी कर सकती है |



जी हाँ मित्रो, आपको शायद इस बात पर विश्वास न हो .. लेकिन कांग्रेस आज भगत सिंह को आतंकवादी समझती है | पूना यूनीवर्सिटी से गोल्डमेडेलिस्ट दलित लडकी शीतल ने जब महाराष्ट्र के लोगो को भगत सिंह की कहानी गाकर सुनाने लगी तो महाराष्ट्र एटीएस ने उसे उसके दल में सदस्यों सहित गिरफ्तार कर लिया |

लेकिन जब जज ने आरोप पत्र देखा तो उन्होंने अपना माथा पकड़ लिया .. आरोपपत्र में लिखा था की ये लडकी अपने दल के लोगो के साथ मिलकर भगत सिंह की कहानी लोगो को सुनाकर गुमराह करती है और उन्हें नक्सली बनाने की प्रेरणा देती है |

इलेक्ट्रोनिक मीडिया और अखबारों में मोदी विरोधी और गुजरात विरोधी खबरों को पैसे देकर प्लांट करवाने वाला मुख्य षडयंत्रकारी और कोई नही बल्कि सोनिया गाँधी का राजनितिक सचिव और भारत को मुस्लिम देश घोषित करने का सपना देख रहा अहमद पटेल है

मित्रो, जब मोदी जी संघ मुख्यालय गये तो अगले दिन कुछ अखबारों में ये खबर छपी की संघ ने मोदी को प्रधानमंत्री पद के दावेदार से अलग किया |
मित्रो, मुझे समझ में नही आया की उस मीटिंग में सिर्फ चार लोग थे .. मोहन जी भागवत, मूल गुजरती रामदास सोनी जी, भैयाजी जोशी, और मोदी जी |

इनमे से किसी ने कुछ नही कहा की क्या बात हुई ... देश की किसी भी बड़ी न्यूज़ एजेंसी जैसे पीटीआई या एएनआई ने भी ऐसी कोई खबर नही दी |

मैंने जब भास्कर ग्रुप को मेल भेजकर उनसे इस खबर के स्रोत के बारे में पूछा तो कोई जबाब नही फिर मैंने मेल किया की मै इसकी शिकायत चुनाव आयोग से लेकर राष्ट्रपति तक करूंगा क्योकि ये पेड न्यूज़ है और अहमद पटेल ने आपको पैसे देकर ये बेसिरपैर की खबर छपवाई है ... तो उनका जबाब आया की कई खबरे "सूत्रों' के आधार पर छापी जाती है |

मित्रो, असल में भारत को इस्मालिक देश बनाने का सपना देखने वाला और भारत में हिन्दुओ को दोगले दर्जे का नागरिक बनाने वाला काला कानून "साम्प्रदायिक हिंसा निवारण बिल २०१२" का मास्टर माइंड अहमद पटेल जिसकी कभी गुजरात में तूती बोलती थी .. अब्दुल लतीफ से लेकर पंजू मियां टाइगर मेमन जैसे कई डान और आतंकवादीओ को संरक्षण देकर अहमद पटेल ने खूब काली कमाई की | लेकिन आज हालत ऐसा है कि उनके गाँव का सरपंच, भरूच के सभी विधायक, भरूच का सांसद, नगरपालिका, नगर पंचायत सब बीजेपी के पास है ... और तो और जिस भरूच नागरिक सहकारी बैंक से अहमद पटेल ने अपने राजनितिक कैरियर की शुरुआत की थी वो भी आज बीजेपी के पास है |
फिर भी ये गाँधी परिवार का चहेता चमचा बना है .. आखिर क्यों ? देश सोनिया गाँधी से जबाब चाहता है की जिस व्यक्ति अहमद पटेल को आपने अपना राजनितिक सचिव बनाया है उसमे क्या राजनितिक योग्यता है ? भरूच में इसकी जमानत तक जप्त हो चुकी है | जिस व्यक्ति के खुद के गृहराज्य में ही २२ साल में कांग्रेस सत्ता से बाहर हो और आने वाले १०० सालो तक सत्ता में आने की कोई उम्मीद भी न हो ऐसे अहमद पटेल को सोनिया ने अपना राजनीतक सचिव क्यों बनाया है ?

कुछ सवालों के जबाब कांग्रेस को हर हाल में देने होंगे --
१- क्या अहमद पटेल के पास कुछ ऐसी "सामग्री' है जिसके दम पर वो सोनिया गाँधी को ब्लेकमेल करते है ?
२-क्या अहमद पटेल के द्वारा सोनिया गाँधी अपनी काली कमाई को ठिकाने लगती है ?

३-सिर्फ मुस्लिम होने के आलावा अहमद पटेल में ऐसी क्या बात है जिससे वो सोनिया गाँधी के चहेते बने हुए है ?
४- आखिर कई घोटालो जैसे वोट के बदले नोट कांड, कोयला घोटाले, कृपाशंकर सिह के घोटाले में अहमद पटेल सीधे तौर पर लिप्त है फिर भी इनको सोनिया ने अपना राजनितिक सचिव क्यों बनाया हुआ है ?

मित्रो, नरेद्र मोदी ने भी खुले मंच से कहा की ये अहमद पटेल ही है जो मीडिया में गुजरात विरोधी और मोदी विरोधी खबरे ब्रेक करवाता रहता है |
http://www.youtube.com/watch?v=dBmZ2-h_laQ

संजीव भट्ट के कांग्रेस से चुनाव लड़ने का सपना खत्म ... चार्जशीट रोकने के लिए आखिरी उम्मीद भी खत्म ...वैसे झूठे और गद्दारों का अंजाम यही होता है ...

गुजरात हाईकोर्ट की विशेष बेंच ने भी संजीव भट्ट की याचिका ख़ारिज कर दी .. संजीव भट्ट ने ख्भालिया कोर्ट द्वारा ३० अक्तूबर को चार्जशीट फ्रेम करने से रोकने के लिए हाईकोर्ट में अपील की थी |

अब खम्भलिया कोर्ट ने द्वारा चार्जशीट फ्रेम करने का रास्ता साफ हो गया .. यानि अब यहाँ से संजीव भट्ट के लिए असली मुश्किलें शुरू होंगी . क्योकि कोर्ट ने पहले ही कह दिया है की कस्टोडियल डेथ में मामले में संजीव भट्ट के खिलाफ पर्याप्त सुबूत है |

जिसे कांग्रेस सिंघम बता रही थी वो अब चुइन्न्ग्म निकला !!!

संजीव भट्ट ने अहमदाबाद की मुस्लिम बहुल छेत्र दरियापुर, कालूपुर या जुहापुरा को पसंद किया था |
अहमद पटेल ने संजीव भट्ट को बिधानसभा भेजने का झूठा सपना दिखाकर अब सडक पर छोड़ दिया |

पता तो यहाँ तक चला है की जो जो कांग्रेसी नेता जैसे शक्तिसिंह गोहिल, अर्जुन मोधवादिया और अहमद पटेल हप्ते में चार बार संजीव भट्ट के घर पर डेरा डाले रहते थे अब वो इनका फोन तक नही उठाते !

वैसे संजीव भट्ट को अब इतिहास पढना चाहिए .. गद्दारों का अंजाम अंत में यही होता है .. ये न घर के होते है और न घाट के ..

हावर्ड और स्टेनफोर्ड ने अपने एमबीए कोर्स में कुछ नये सिधान्त और इफेक्ट शामिल किये है --

१- राबर्ट इफेक्ट -- यदि पांच लाख रूपये की पूंजी से एक साल में पांच सौ करोड़ और दो हजार एकड़ जमीन बनाये जाये तो इसे राबर्ट इफेक्ट कहते है |
यदि ये इफेक्ट रिवर्स काम करे यानि पांच सौ करोड़ की पूंजी पांच लाख में तब्दील हो जाये तो इसे "माल्या" इफेक्ट कहते है |

२- वीरभद्र इफेक्ट ---यदि एक एकड़ के बाग के लगे सेव इतना सेव पैदा करके की इन्सान को साल में दो दो बार पहले दो लाख फिर आठ करोड़ की आईटी रिटर्न फ़ाइल करना पड़े ... तो इसे वीरभद्र सिंह इफेक्ट कहते है

Thursday 27 September 2012

RTI से खुली दोगले और सोनिया के गुलाम प्रधानमन्त्री के फिजूलखर्ची की पोल



आपको याद होगा प्रधानमंत्री का वो बयान जिसमें उन्‍होंने कहा था कि पैसे पेड़ पर नहीं उगते. उन्होंने इस जुमले का बेहद होशियार इस्तेमाल किया था. लेकिन सूचना के अधिकार के तहत मिली जानकारियां बता रही हैं कि ये नसीहत सिर्फ हमारे और आपके लिए थी. जब अपनी बारी आई तो सरकार ने ऐसे खर्च किए जैसे पैसे पेड़ से तोड़कर लाए गए हों.

पीएम की दावत से खजाने की सेहत हुई पस्‍त :-
**************************
*****
घर का खाना लोग इसलिए खाते हैं कि खर्चा कम हो और सेहत दुरुस्त. लेकिन प्रधानमंत्री ने जब मेहमानों को खाने पर मेहमानों को बुलाया तो खर्चे से खलबली मच गई और खजाने की सेहत पस्त हो गई. 375 मेहमानों को खिलाने पर 29 लाख रुपये उड़ा दिए गए प्रधानमंत्री के भोज में एक वक्त के खाने पर. ये दावत यूपीए-2 सरकार की तीसरी सालगिरह पर प्रधानमंत्री ने दी थी. 7721 रुपये की एक थाली परोसी गई थी प्रधानमंत्री की दावत में.

आपने सिर्फ मुहावरों में छप्पन भोग सुना होगा. लेकिन इस दावत में वाकई 56 तरह के व्यंजन परोसे गए थे. ये उस सरकार के जश्न में परोसी गई थाली की कीमत है जो कहती है कि 16 रुपये में इस देश का आम आदमी मजे में खाना खा सकता है. अगर उसकी इस दलील को मान लें तो यूपीए के भोज में परोसी गई एक थाली की एवज में 250 लोगों की बारात खा सकती थी. या एक आदमी 6 महीने तक दोनों वक्त की रोटी खा सकता था.

विदेशी दौरों पर भी मंत्रियों ने फूंक डाले करोड़ों
#########################

56 भोग के उड़ाने वाले मंत्रियों ने उड़ने में भी कोई रहम नहीं किया खजाने पर. पिछले साल मंत्रियों के विदेश दौरे शुरू हुए तो बजट पनाह मांगने लगा. पूरे 678 करोड़ रुपए मंत्रियों ने फूंक दिया विदेश दौरों पर. ये रकम तय बजट से एक दो नहीं पूरे 12 गुना ज्यादा थी. इन उडा़नों पर इतने उड़ गए कि आम आदमी का दिमाग उड़ जाए.

खाली होते सरकारी खजाने को भरने के लिए किसानों और आम आदमी को दी जाने वाली सब्सिडी पर कैंची में कोई कोताही न करने वाली मनमोहन सिंह की सरकार ने मंत्रियों के खर्चे में कभी कोई कंजूसी नहीं बरती. सूचना के अधिकार के तहत मिली एक जानकारी में जो खुलास हुआ है उसे सुनकर आप चकरा जाएंगे.

मनमोहन सिंह की सरकार में मंत्रियों की मुसाफिरी खजाने पर बहुत भारी पड़ी है. 2011-12 में 678 करोड़ 52 लाख 60 हजार रुपए मंत्रियों के विदेश दौरों पर स्वाहा हो गए. विदेश दौरों के पीछे मंत्री ऐसे बावरे हुए कि पता ही नहीं चला कि बजट का बैंड बज चुका है. विदेश दौरों का बजट 2011-12 का बजट 46 करोड़ 95 लाख रुपए था जबकि 2010-11 में विदेश दौरे पर 56 करोड़ रुपये खर्च हुए थे. यानी इस वर्ष पिछले साल से 12 गुना ज्यादा खर्च विदेशी दौरों पर किया गया.

कौन कितनी बार गया विदेश?

*********************
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह: 2010-11 7 दौरे, 2011-12 14 दौरे.
विदेश मंत्री एसएम कृष्णा: 2010-11 6 दौरे, 2011-12 15 दौरे.
वाणिज्य मंत्री आनंद शर्मा: 2010-11 4 दौरे, 2011-12 8 दौरे.
पर्यटन मंत्री सुबोधकांत सहाय: 2010-11 कोई दौरा नहीं, 2011-12 5 दौरे.

इन सारे दौरों का खर्च मिलाकर बनता है 678 करोड़ 52 लाख 60 हजार रुपये. पिछले साल से एक दो नहीं पूरे 12 गुना ज्यादा. मंत्रियों की ये मुसाफिरी सरकारी खजाने पर बहुत भारी पड़ी है.

प्रधानमंत्री अवाम को उपदेश देते रहे और मंत्री हवा में उड़ते रहे. ये सवाल प्रधानमंत्री से पूछा जाना चाहिए. हम अच्छी तरह जानते हैं कि पैसे पेड़ पर नहीं उगते, अगर पैसे पेड़ पर नहीं उगते तो मंत्रियों के दौरों पर उनका दिल इतना बड़ा कैसे हो गया. वो भी देश की क़ीमत पर

Wednesday 26 September 2012

चंद सिक्को की खनक से कोई मीडिया हॉउस अपने इमान और अपने पत्रकारिता के धर्म को भूलकर कैसे सत्ताधारी दल का दलाल बन जाता है एनडीटीवी और एबीपी न्यूज़ इसके जीते जागते उदाहरण है ..



ये जो कांग्रेस का दलाल कांग्रेस से मोटी बोटी मिलने की आस में जो किसी अंजली दमानिया के आरोप को लेकर अपनी छाती कूट रहा है और कह रहा है की नितिन गडकरी ने सिंचाई घोटाला दबाया ..

लेकिन क्या ये नीच मीडिया वाले इन सवालों का जबाब देगी ?

१- नितिन गडकरी किस हैसियत के महाराष्ट्र में हुए सत्तर हजार करोड़ के घोटाले को दबा सकते है ?

२- अंजली दमानिया ने पास यदि इस घोटाले से सम्बन्धित कोई कागजात या सुबूत था तो फिर वो उसे लेकर कोर्ट, लोकायुक्त, पुलिस के बजाय नितिन गडकरी के पास क्यों गयी ?

३- सब जानते है कि महाराष्ट्र में बीजेपी चौथी नम्बर की पार्टी है .. कांग्रेस, एनसीपी, शिवसेना के बाद बीजेपी आती है तो क्या किसी राज्य में चौथी नम्बर की पार्टी के पास इतनी ताकत होती है कि वो सत्तर हजार करोड़ के घोटाले को दबा सके ?

४-क्या चौथी नम्बर की सख्या रखने वाली पार्टी के पास इतनी ताकत होती है की वो राज्य के राज्यपाल, लोकायुक्त, कोर्ट, पुलिस सबको प्रभावित कर सके ?

५- अंजली दमानियाँ आज क्यों बोल रही है ? उनके अनुसार वो एक साल पहले नितिन गडकरी से मिली .. तो फिर वो एक साल तक चुप क्यों रही ? क्या लोलीपोप चाट रही थी ?

६- क्या कोई नेशनल चैनेल किसी के भी आरोप को बिना किसी सुबूत के प्रसारित कर सकता है ? यदि हाँ तो फिर आजतक किसी भी मीडिया ने सुब्रमण्यम स्वामी के गाँधी परिवार पर सुबूतो के साथ लगाये गये आरोपों के बारे में एक बार भी क्यों नही दिखाया ?

जबकि अंजली दमानियाँ न तो किसी सम्वैधानिक पद पर थी और न है .. वही स्वामी भारत के कानून मंत्री, हावर्ड के प्रोफेसर और एक राष्ट्रीय पार्टी के अध्यक्ष रहे है ..

तो फिर ये नीच चैनेल गाँधी खानदान खासकर सोनिया गाँधी पर सुब्रमण्यम स्वामी के आरोपों को ब्रेकिंग न्यूज़ में क्यों नही दिखाते ?


७- एबीपी न्यूज़ ने अंजली दमानियाँ से क्यों नही सुबूत सार्वजनिक करने को कहा ?

८- क्या केंद्र में बीजेपी की सरकार है ? क्या महाराष्ट्र में बीजेपी की सरकार है ? फिर नितिन गडकरी कैसे महारास्त्र में हुए किसी घोटाले को दबा सकते है ?

मित्रो, लन्दन की एक एजेंसी ने पुरे विश्व की मीडिया का उनकी विश्वसनीयता और ईमानदारी को लेकर एक सर्वे किया था और उस सर्वे में भारत की मीडिया को पुरे विश्व की मीडिया में सबसे नीच, बिकाऊ और दलाल बताया गया .. और इस सर्वे में २००७ के गुजरात चुनावो के दौरान विनोद दुआ ने जो एनडीटीवी के लिए गुजरात से रिपोर्टिंग की थी उसे अब तक का सबसे शर्मनाक और एक तरफा रिपोर्टिंग करार दिया है ...


अगर  है कंहू कि मुझे समाचार प्राप्त हुए है की राहुल गांधी के मुम्बई की एक वेश्या के साथ अन्तरंग सम्बन्ध है और उस वेश्या से राहुल गांधी का एक बच्चा भी है किन्तु मेरे पास इस बात का कोई प्रमाण नही है ..
तो क्या क्या ABP न्यूज वाले इस समाचार को दिखायेगे ?



और अंजली दमानिया तो केजरीवाल के सन्गठन से जुडी है और केजरीवाल की काफी करीबी है तो यदि उनके पास नितिन गडकरी के खिलाफ कोई सुबूत था तो वे उसे अपने आईएसी के वेब साईट पर क्यों नही डाली ?


Sunday 26 August 2012

आन्ध्र प्रदेश की कांग्रेस सरकार कौन चला रहा है ? कांग्रेस या ओबैसी ? या दोनों मिलकर ? जिस नरपिशाच मोहम्मद अब्दुल कादिर नामक कांस्टेबल ने 1990 मे हैदराबाद मे भडकी भयानक दंगे के दौरान जब पुलिस इंस्पेक्टर ने इसे दंगो को नियन्त्रित करने के लिए मुस्लिम दंगाई भीड़ पर गोली चलाने का आदेश दिया तो इसने दंगाईयों के बजाय उस इंस्पेक्टर को ही गोलियों से भून दिया था | लेकिन आंध्रप्रदेश की कांग्रेस सरकार ओबैसी के आदेश से इसे बार बार पेरोल क्यों दे रही है ?


चित्र में जिसे को आप देख रहे है उसका नाम है मोहम्मद अब्दुल कादीर है. यह भूतपूर्व पुलिस कांस्टेबल है.
 
१९९० में हैदराबाद में दंगा हुआ उस दंगे में जब इसका सीनियर इसे एक दंगाई मुस्लिम भीड़ पर गोली चलाने का आदेश दिया तो ये भीड़ पर गोली चलाने के बजाय उस सीनियर पर ही गोली चला दी. न्यायालय के द्वारा इसे आजीवन कारावास की सजा मिली है लेकिन अभी इसकी क्षमा याचना रास्ट्रपति के पास है. इसको छुड़ाने के लिए बहुत से मुस्लिम संगठन लगे हुए है. |

मित्रों, आन्ध्र की पहले की टीडीपी सरकार ने इसे एक मिनट भी पेरोल नही दिया, लेकिन आज की कांग्रेस सरकार इसे ओबैसी के कहने पर बार बार पेरोल पर रिहा कर रही है और इतना ही नही इसके पेरोल को बार बार बढाती भी रहती है |

मित्रों, ये दोनों ओबोसी असदुद्दीन ओबैसी जो हैदराबाद से सांसद है और अकबरुद्दीन ओबैसी जो हैदराबाद के चारमिनार से विधायक है इन दोनों का मुख्य मकसद भारत को इस्लामिक राष्ट्र घोषित करना है | 
अगर आप इनकी पार्टी मजलिसे ईतेहादुल मुस्लिम [MIM] के सम्मेलनो के वीडियो यूट्यूब पर देखेंगे तो ये बार बार कहते है कि भारत को इस्लामिक देश बनाना ही मुस्लमानों का प्रथम उद्देश्य होना चाहिए |

ये अकबरुद्दीन ओवैसीने कई बार हिंदूधर्म और हिंदू देवी देवताओ के बारे मे खुले मंच से बहुत ही अभद्र बाते कहीं है लेकिन राहुल और सोनिया इसे गलत नही मानते क्योकि इसने हिन्दुओ के देवी देवताओ को अपमानित किया है | आप इस वीडियो को देखे , इसमें ये नीच ओवैसी भगवान राम और उनकी माँ कौशल्यादेवी पर किस तरह अश्लील और अभद्र बाते कह रहा है |
लेकिन  राहुल और सोनिया तो यही चाहते है किभारत से हिंदुत्व खत्म हो जाये और हिन्दुओ को बार बार अपमानित किया जाये |

मित्रों, अभी कुछ दिन पहले इस अकबरुद्दीन ओवैसी पर जानलेवा हमला हुआ, मजे की बात ये की हमलावर भी मुस्लिम ही था जिसका वेशकीमती घर इन ओवैसी बंधुओ ने कब्जा कर लिया था |
इसका हालचाल लेने के लिए सोनिया गाँधी ने मुख्यमंत्री सहित पूरी आन्ध्रप्रदेश सरकार को उसके घर भेजा था और तो और केंद्रीय स्वस्थ्य मंत्री गुलाम नबी आज़ाद भी स्पेशल प्लेन से हैदराबाद उसका हालचाल लेने गए थे | 
मित्रों  जब बाला साहेब ठाकरे की धर्मपत्नी और उनके पुत्र की एकमहीने के भीतर ही दुखद मृत्यु हुआ था तब तात्कालीन प्रधानमंत्री एच डी देवगौड़ा मातोश्री बाला साहेब को सात्वना देने गए थे तब लेफ्ट, सपा, और कांग्रेस ने संसद मे बहुत हंगामा मचाया था कि एक साम्प्रदायिक नेता के घर प्रधानमंत्री सात्वना देने क्यों गए ? और तो और उस समय शरद पवार कांग्रेस मे थे और जब शरद पवार गए तो कांग्रेस ने उनसे नोटिस देकर पूछा कि आप क्यों गए ?

आखिर इतना दोगलापन क्यों ? एक कट्टर मुस्लिम जिसके सैकडो भड़काऊ भाषण आज भी यू ट्यूब पर भरे पड़े है और जो संसद मे मुसलमानों को इस देश की ईंट से ईंट बजा देने का आह्वान करता है उसके घर जाना क्या कांग्रेस गलत नही समझती ? 

आन्ध्र के उपमुख्यमंत्री दामोदर राजा नरसिम्हा ओवैसी के घर जाकर उसका हाल चाल लेते हुए



आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री किरण कुमार रेड्डी ओवैसी के घर जाकर उसका हाल चाल लेते हुए
आन्ध्र के रेवेन्यूमंत्री रघुवीर रेड्डी ओवैसी के घर जाकर उसका हाल चाल लेते हुए
आन्ध्र प्रदेश विधानसभा के स्पीकर एन मनोहर ओवैसी के घर जाकर उसका हाल चाल लेते हुए

स्पीकर मनोहरओवैसी के घर नाश्ता करते हुए


स्पीकर खुद सहारा देकर ओवैसी को घर से बाहर ला रहे है
सोनिया गाँधी के निर्देश पर केंद्रीय स्वस्थ्य मंत्री गुलाम नबी आज़ाद ओवैसी के घर जाकर उसके स्वस्थ्य की जानकरी ली और सोनिया और राहुल को इस बारे मे रिपोर्ट दिया ..


**********************************************************************************

मेरे हिंदू मित्रों, जागो और अपने जातिपाँति, ऊँचनीच आदि के भेदभाव भुलाकर संगठित हो जाओ | नही तो हिन्दुओ के लिए आने वाला कल बहुत ही भयानक होने वाला है |

Saturday 25 August 2012

महाराष्ट्र का गृहमंत्री आरआर पाटिल ही मुंबई हिंसा का प्रमुख मास्टरमाइंड है | अगर उसका नार्को टेस्ट हो तो कई और खुलासे हो सकते है | देखिये क्या तश्वीरे भी झूठ बोलती है ? जिस शक्स के उपर पहले से ही कई गम्भीर केस चल रहे हो आखिर उसके साथ खड़े होकर एक राज्य का गृहमंत्री कई फोटो क्यों खिचवाई ? आखिर आर आर पाटिल मुंबई हिंसा के प्रमुख आरोपी मौलाना मोइन मियां के दफ्तर और उसके मस्जिद और मदरसे मे बार बार क्यों जाते है ? इतना ही नही आज़ाद मैदान हिंसा के सिर्फ पांच दिन पहले आर आर पाटिल खुद रजा एकेडमी के संचालक मौलाना मोइन मिंया के दफ्तर उससे मिलने गए |


मुंबई बीजेपी प्रवक्ता गृहमंत्री आर आर पाटिल और आज़ाद मैदान हिंसा के मुख्य आरोपी रजा एकेडमी के संचालक मौलाना मोईन मिया के सम्बन्धों को उजागर करते हुए |








मित्रों , सोचिये बड़े बड़े लोग गृहमंत्री से मिलने के लिए कई कई दिन वेटिंग मे रहते है लोगो को एप्वाइंटमेंट नही मिलता और आर आर पाटिल खुद आजाद मैदान हिंसा के प्रमुख आरोपी रजा एकेडमी के संचालक  से मिलने उसे दफ्तर गए |

एक  चौकाने वाला गम्भीर खुलासा हुआ है कि मौलाना मोईन मियां के छोटे भाई को पार्षद का टिकट आर आर पाटिल की सिपारिश से मिला था  | मौलाना का छोटा भाई व राकांपा नेता ठाणे के मुंब्रा क्षेत्र से सभासद भी है।

मित्रों, नए पुलिस कमिश्नर सतपाल सिंह ने जब आज़ाद मैदान हिंसा की नए सिरे से जाँच की तो एक गम्भीर खुलासा हुआ | गरीब नगर निवासी एक मुस्लिम महिला ने नौ अगस्त को गृहमंत्री एवं पुलिस आयुक्त को पत्र लिखकर सूचना दी थी कि अपराधी प्रवृत्ति का व्यक्ति सलीम लाइट वाला अपने साथी अलाउद्दीन अंसारी के साथ मुंबई में हिंसक घटना को अंजाम देना चाहते हैं। सलीम लोगों को नकली नोट, हथियार एवं नशीले पदार्थ बांट रहा है। इस सूचना पर ध्यान दिया गया होता तो हिंसा रोकी जा सकती थी। उक्त महिला ने 14 अगस्त को पुन: गृहमंत्री एवं पुलिस आयुक्त को पत्र लिख कर हिंसा में शामिल 12 लोगों के नाम बताए थे। 

लेकिन  पुलिस को इस बारे मे कोई करवाई नही करने के आदेश किसने दिये ये एक रहस्य है | दबी जबान मे ऑफ द रिकॉर्ड कई पुलिस अधिकारी बताते है कि आर आर पाटिल ने ही पुलिस को कोई करवाई नही करने के आदेश दिये |

 इतना ही नही आर आर पाटिल ने मुंबई पुलिस कमिश्नर को आदेश दिया था कि किसी भी मुस्लिम दंगाई को गिरफ्तार नही किया जाये | मित्रों सोचिये पचास पचास पुलिस वालो को गम्भीर चोटे आने के बाद भी क्या कोई पुलिस कमिश्नर किसी दंगाई को अपने मन से छोड़ने के आदेश देगा ? क्या उसे अपने मातहत कर्मचारियों के मनोबल की चिंता नही होगी ?

 मित्रों, जब राज ठाकरे ने मुंबई मे इस घटना के खिलाफ बड़ी रैली निकाली और अपने भाषण मे आर आर पाटिल को ही मुंबई हिंसा का मुख्य जिम्मेदार बताया तब अपनी नाक बचाने के लिए आर आर पाटिल ने पुलिस कमिश्नर का तबादला करवा दिया | लेकिन आर आर पाटिल ने ये सोचा कि कहीं ये पुलिस कमिश्नर अरूप पटनायक मेरी पोल न खोल दे इसलिए आर आर पाटिल ने उसका डीजी रैंक का प्रमोशन भी दे दिया |

मित्रों, क्या भारत धर्मनिरपेक्ष है ? क्या भारत संयुक्तराष्ट्र के सिधांतों को मानता है ? क्या भारत मे हिंदू और मुस्लिम लोगो और उनके नेताओ के बीच भेदभाव नही किया जाता ? यदि हाँ तो फिर राहुल गाँधी का सबसे करीबी दोस्त और यूपीए का सांसद असदुद्दीन ओबैसी भारत और संयुक्त राष्ट्र संघ के द्वारा प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन हमास और हिजबुल्लाह के खूखार कमांडरों के साथ बार बार मिलने लेबनान के बेरुत और दहिल्या शहर मे क्यों जाता है ?




लेबनान मे गृहयुद्ध प्रभावित एरिया का निरीक्षण करता ओबैसी





मित्रों, क्या भारत धर्मनिरपेक्ष है ? क्या भारत संयुक्तराष्ट्र के सिधांतों को मानता है ? क्या भारत मे हिंदू और मुस्लिम लोगो और उनके नेताओ के बीच भेदभाव नही किया जाता ? यदि हाँ तो फिर राहुल गाँधी का सबसे करीबी दोस्त और यूपीए का सांसद असदुद्दीन ओबैसी भारत और संयुक्त राष्ट्र संघ के द्वारा प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन हमास और हिजबुल्लाह के खूखार कमांडरों के साथ बार बार मिलने लेबनान के बेरुत और दहिल्या शहर मे क्यों जाता है ?

मित्रों, इजराइली ख़ुफ़िया एजेन्सी मोसाद ने भारत सरकार को कई बार पत्र लिखकर कहा है कि आपका सांसद जो आपकी सरकार को समर्थन दे रहा है वो इजरायल मे आतंकवाद फैला रहा है और साथ ही भारत के गरीब मुस्लिम युवको का ब्रेनवाश करके उन्हें हमास और हिजबुल्लाह के लिए भर्ती करता है | लेकिन चूँकि भारत की कांग्रेस सरकार को सिर्फ हिंदू ही आतंकवादी नजर आते है इसलिए भारत सरकार ओबैसी को खुलेआम छुट दे दिया है |

मित्रों अभी कुछ दिन पहलेसंसद मे आसाम पर चर्चा के दौरान ओबैसी ने प्रधानमंत्री और गृहमंत्री की उपस्थिति मे कहा कि "यदि भारत सरकार आसाम मे मुसलमानों का चाहे वो प्रवासी क्यों न हो ठीक ढंग से पुनर्वास नही करती और उन्हें उचित मुवावजा नही देती तो फिर भारत का मुसलमान इस देश की ईंट से ईंट बजा देंगे" लेकिन किसी भी कांग्रेसी सांसद ने ओबैसी के इस बयान की निंदा नही की | और तो और मीडिया ने भी इसको ब्रेकिंग न्यूज़ नही बताया सिर्फ टाइम्स नाउ ने ही इस खबर पर चर्चा की |

सबसे बड़ी चौकने वाला खुलासा ये है कि ओबैसी को डिप्लोमेटिक पासपोर्ट राहुल गाँधी की सिपारिश पर मिला था जबकि खुद आन्ध्रप्रदेश की कांग्रेस की ही सरकार की ख़ुफ़िया पुलिस ने ओबैसी को डिप्लोमेटिक पासपोर्ट न देने की रिपोर्ट भेजी थी लेकिन जब राहुल गाँधी ने इस मामले मे हस्तक्षेप किया जब जाकर विदेश मंत्रालय ने ओबैसी को बिना किसी योग्यता और अहर्ता के डिप्लोमेटिक पासपोर्ट इस्शु कर दिया |

मित्रों, साधारण  पासपोर्ट का कलर नीला होता है बल्कि डिप्लोमेटिक पासपोर्ट का कलर मैरून होता है और डिप्लोमेटिक पासपोर्ट रखने वाले व्यक्ति की किसी भी हवाईअड्डे पर तलाशी नही होती और इन्हें "वीजा आन अराइवल" की भी सुविधा होती है और ये पासपोर्ट केवल राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, केबिनेट स्तर के मंत्री और राज्यों मे मुख्यमन्त्रियो और राजदूत तथा दूतावास मे सचिव स्तर के अधिकारियों  को ही इस्शु हो सकता है | 

मित्रों, हिजबुल्लाह आज विश्व का सबसे बड़ा आत्मघाती दस्ते वाला आतंकवादी संगठन है जो छोटे छोटे बच्चो को अपने आत्मघाती दस्ते मे भर्ती करता है | लेबनान पहले धर्मनिरपेक्ष देश था और वहाँ ४% हिंदू और १०% यहूदी  भी रहते थे | लेबनान जहां पहले ८०% ईसाई तथा अन्य धर्म और २०% मुस्लिम रहते थे और लेबनान विश्व का बहुत तेजी से तरक्की करता हुआ मुल्क था | और इसकी राजधानी बेरुत को विश्व का गोल्ड केपिटल कहा जाता था क्योकि बेरुत विश्व की सबसे बड़ी सोने की मण्डी थी | इतना ही नही खूबसूरत लेबनान मे कई हालीवुड और बोलिउड की फिल्मो की शूटिंग होती थी | रामानंद सागर ने सत्तर के दशक मे धर्मेन्द्र और माला सिन्हा को लेकर एक फिल्म बनाई थी जिसका नाम "आखें' उस फिल्म की 80% शूटिंग बेरुत मे हुई थी और कई गाने जैसे "मिलती है जिंदगी मे मोहब्बत कभी कभी" की शूटिंग भी बेरुत मे ही हुई |

लेकिन लेबनान की तरक्की और खुशहाली पर लेबनान  के मुस्लिम लीडरो ने ग्रहण लगा दिया |मस्जिदों मे और अपने सम्मेलनों के मुसलमानों को खूब बच्चे पैदा करके लेबनान पर क्ब्ज्जा करने की बाते करते थे | फिर धीरे धीरे लेबनान का जनसंख्या का संतुलन बिगड गया और फिर लेबनान 25 सालो से गृहयुद्ध की चपेट मे आ गया | आज लेबनान के दो हिस्से है उत्तरी लेबनान जिसमे ईसाई और अन्य धर्मो के लोग रहते है और दक्षिण लेबनान जहां मुस्लिम रहते है उसी तरह राजधानी बेरुत का भी दो अघोषित हिस्सा है जहां एक तरह ईसाई और दूसरी तरफ मुस्लिम रहते है |

मित्रों, जब भी कोई सांसद विदेश यात्रा करता है तो उसे लोकसभा अध्यक्ष की लिखित अनुमति लेनी पडती है भले ही वो उसकी निजी यात्रा ही क्यों न हो | एक आरटीआई के जबाब मे मीरा कुमार ने पहले बताया कि उनके पास ऐसी कोई फ़ाइल नही आई जिसमे ओबैसी ने लेबनान और सीरिया के यात्रा की अनुमति मांगी हो |

अब सवाल ये उठता है कि आखिर इतना घोर साम्प्रदायिकता फ़ैलाने वाला ओबैसी को कांग्रेस साम्प्रदायिक क्यों नही मानती ? 

मित्रों, कांग्रेस की नजर मे  सिर्फ भारत के हिंदू ही साम्प्रदायिक है | अगर कोई भारत मे हिंदू हित की बात करेगा तो वो घोर साम्प्रदायिक और राजनितिक रूप से अछूत बन जायेगा | पूरी मीडिया और कांग्रेस सहित कुछ तथाकथित धर्मनिरपेक्षता के नाम पर अपनी दुकान चलाने वाली छोटी पार्टियां सब उसको साम्प्रदायिक घोषित कर देंगे | लेकिन यदि कोई सिर्फ मुस्लिम हित की ही बात करेगा तो वो धर्मनिरपेक्ष माना जायेगा | यहाँ मैंने "सिर्फ" इसलिए लिखा है क्योकि ओबैसी ने आजतक संसद मे सिर्फ मुस्लिम हित और मुस्लीमों के बारे मे ही मुद्दे उठाये है और सिर्फ मुस्लिम लोगो की ही मदद करते है यहाँ तक आसाम मे भी जो उन्होंने रिलीफ कैम्प लगाया उसके उपर लिख दिया " only for muslims" इन्होने सानिया मिर्जा को कई बार सम्मानित किया लेकिन जब एक पत्रकार ने इसने पूछा कि आप सानिया नेहवाल को कब सम्मानित करेंगे तो ये माइक फेक दिये |

मित्रों, आंध्रप्रदेश की कांग्रेस सरकार की ही आईबी हैदराबाद मे भडके कई दंगो के लिए ओबैसी बंधुओ को जिम्मेदार बताती है यहाँ तक की केन्द्र की ख़ुफ़िया एजेंसियों ने भी कई बार गृहमंत्रालय को ओबैसी के संदिग्ध गतिबिधियों के बारे मे चेतावनी दी है | लेकिन सब बेकार |
सोचिये क्या राहुल गाँधी और सोनिया गाँधी नरेंद्र मोदी या तोगड़िया या अशोक सिंघल जी के साथ फोटो खिचवा सकते है ? नही क्योकि ये लोग तो हिन्दुवादी है और भारत मे हिन्दुवादी होना सबसे बड़ा अपराध है |

लेकिन वहीराहुल गाँधी और सोनिया गाँधी ओबैसी के साथ कई कई घंटो तक बैठते है और उसके साथ फोटो खिचवाते है | क्योकि सोनिया ने जो काला कानून "साम्प्रदायिक हिंसा निवारण बिल" बनाया था उसके अनुसार तोसिर्फ हिंदू ही दंगाई होते है, हिंदू हिंसक होते है और हर बार सिर्फ हिंदू ही पहले दंगे भड़काते है |

मित्रों, सबसे बड़ा सवाल ये है कि भारत की मीडिया और कांग्रेस की हिन्दुओ के बारे मे इस दोगली मानसिकता का जिम्मेदार कौन है ? 
मित्रों, इसके जिम्मेदार हम सब हिंदू  खुद ही है | ये हम हिंदू ही है जो सब कुछ जानते समझते हुए भी जतिपति और दूसरे छोटे छोटे मुद्दों और कांग्रेस के द्वारा दिये गए झूठे लालचो और प्रलोभनों के बहकावे मे आकर इस कांग्रेस को वोट देकर इसे मजबूत करते है | हिंदू मित्रों, अपने बारे मे तो नही कम से कम पचास साल बाद आने वाली अपनी हिंदू पीढियों के बारे मे सोचो | जो हाल पाकिस्तान, सीरिया, लेबनान, इंडोनेशिया, फिलीपींस और भारत मे कश्मीर, केरल और आसाम मे हिन्दुओ के साथ हुआ है और जो आज हिंदू इन जगहों पर पर अत्याचार झेल रहे है वही आज के पचास सालो के बाद पूरे भारत मे झेलेंगे |
           
                     जय हिंद !!! जय भारत !!! वन्देमातरम !!

Thursday 23 August 2012

यह एक ऐसे घोटाले की खबरे हैं जिसे पढ़ कर आप बरखा दत्त और वीर सांघवी के कर्म भूल जाएंगे। यह घोटाला करने का आरोप भी एनडीटीवी के चेयरमैन प्रणय राय पर है और इसे गंभीरता से लेने पर प्रणय राय हर्षद मेहता और केतन पारिख से ज्यादा अलग नजर नहीं आएंगे।


यह इल्जाम किसी आम आदमी ने नहीं लगाया। देश के सबसे सम्मानित पत्रकारों में से एक, भूतपूर्व सांसद, हेडलाइंस टुडे चैनल के मुखिया और संडे गार्जियन के संपादक एम जे अकबर ने बाकायदा लिख कर लगाया है और प्रणय राय और उनकी राधिका राय को चुनौती दी है कि इसका खंडन करे। यह घोटाला आईसीआईसीआई बैंक के साथ मिल कर किया गया बताया गया है।

घोटाले का तौर तरीका बताता है कि आर आर आर आर होल्डिंग प्राइवेट लिमिटेड के पास एनडीटीवी के अपार शेयर पडे हैं। इन शेयरों की कीमत नकली खरीददारी कर के जुलाई और अक्टूबर 2008 के बीच बढ़ा चढ़ा कर 439 रुपए प्रति शेयर बताई गई। कहा गया कि शेयर बढ़ रहे हैं इसलिए कंपनी अपनी शेयर वापस खरीदना चाहती है मगर उसके पास नकदी नहीं है। ईमानदार एनडीटीवी ने इंडिया बुल्स फाइनेंस सर्विस से 9070297 शेयर गिरवी रख कर 363 करोड़ रुपए ले लिए। यह कर्ज था और जुलाई 2008 में लिया गया था। अगस्त 2008 को शेयर बाजार लुढ़क गया। इंडेक्स 22 हजार से घट कर दस हजार पर आ गया और एनडीटीवी के शेयर की कीमत 100 रुपए रह गई। इंडिया बुल्स ने एनडीटीवी से कहा कि हमारा पैसा वापस करो।

एनडीटीवी हमेशा की तरह कंगाल था। प्रणय राय ने अपनी साख का सहारा ले कर और शायद बरखा दत्त के टाटाओं, अंबानियों और राडियाओं से रिश्तों को इस्तेमाल कर के आईसीआईसीआई बैंक से अक्टूबर 2008 में 4741721 शेयरों के बदले 375 करोड़ रुपए का कर्ज लिया और ये वे शेयर थे जो आर आर आर आर नाम की अज्ञात कंपनी के पास थे। आईसीआईसीआई की चंदा कोचर जानबूझ कर अंधी हो गई और उन्होंने 100 रुपए का शेयर 439 रुपए का मान कर गिरवी रख लिया। यह पहला बड़ा घोटाला था।

इसके बाद एक और आर्थिक शातिर चाल में शेयर्स का दाम 23 अक्टूबर 2008 को 99 रुपए रह गया और 375 करोड़ के कर्जे के बदले बैंक के पास सिर्फ 47 करोड़ की गारंटी मौजूद रह गई और अब इस शून्य को भरना था। आर आर आर आर कंपनी के बारे में पता चला कि इसके मालिक प्रणय राय और राधिका राय हैं और जुलाई 2008 से पहले इसके पास एनडीटीवी का एक भी शेयर नहीं था और इसकी कुल पूंजी ही मात्र एक लाख रुपए थी। धंधा यह जरूर सैकड़ों का कर रही थी। केतन पारिख ने ये किया तो बेचारा जेल में और प्रणय राय देश को ज्ञान बांटने का पेशा कर रहे हैं।

अभी आघात खत्म नहीं हुए हैं। पैसा का हेर फेर हो जाने के कुछ ही दिन बाद पति पत्नी की चार बार आर नाम वाली कंपनी को चंदा कोचर की बैंक ने लगभग 74 करोड़ का कर्ज फिर दे दिया। यह गैर कानूनी था और अनैतिक भी। कॉरपोरेट मामलों का मंत्रालय भी खामोश रहा।

नवंबर में सीबीआई ने जब जीवन बीमा निगम और अन्य बैंकों के अधिकारियों को कुख्यात कर्ज घोटाले में पकड़ा तो पता चला कि एनडीटीवी विदेशों से भी मोटा कर्जा लेता रहता है और उसके बदले वही शेयर गिरवी रखता रहता है जो भारत में दूसरों के पास गिरवी रखे होते हैं। इसके लिए एनडीटीवी की विदेशों में कुछ फर्जी कंपनियां भी है।

अब बिक चुके एनडीटीवी इमेजिन के दस रुपए के शेयर 776 रुपए में बेचे गए। यह तब हुआ जब चैनल बिक जाने के बावजूद घाटे में हैं। मगर प्रणय राय ने नकली तौर पर बढ़ाए गए दामों का एक पैसा भारतीय शेयर धारकों को नहीं मिला। वैसे एनडीटीवी के शेयर लगातार लुढ़क रहे हैं और अब विदेशों से नाम भुनाने की कोशिश की जा रही है। जो कंपनियां एनडीटीवी के लिए विदेशों में काम कर रही है उनमें से एक का पता 90, हाई हॉल बॉर्न लंदन हैं और यह रैगरपुरा की तरह अपेक्षाकृत गरीब लोगों के रहने की बस्ती शायद इसी झोपड़पट्टी में प्रणय राय को अपना भविष्य नजर आ रहा हो।

नए नए नेताजी का चोला पहने केजरीवाल और उनकी एनजीओ माफिया गैंग के सामने बीजेपी का विरोध करना मजबूरी हो गया है | ये अपना नया नया दुकान चमकाने मे इतने अंधे हो गए है कि इनको ये नही दिखता कि देश का प्रधानमंत्री पद पर कौन सी पार्टी बैठी है ? कौन सी पार्टी सभी फाइलों पर दस्तखत करती है ? पीछे आठ सालो से देश क्या बीजेपी चला रही है ?




बीजेपी के मुख्यमंत्री ने कोल ब्लोक के मामले मे नीलामी के खिलाफ पत्र लिखा . लेकिन ये आधा सच है | पत्र मे ये लिखा कि राज्य सरकार के बिजलीघरों को बिना नीलामी कोयला देना चाहिए | किसी भी बीजेपी के मुख्यमंत्री ने ये नही लिखा कि निजी कम्पनियों को भी बिना नीलामी के कोयला देना चाहिए |

मजे की बात ये है कि जिस राज्य मे एक चम्मच भी कोयला नही होता उस राज्य राजस्थान की तत्कालीन मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे की बात कांग्रेस ने मान ली | लेकिन राजस्थान सरकार की सरकारी बिजली कम्पनियो को कोयला देने के बजाय निजी कम्पनियों को दे दिया |

लेकिन सबसे बड़ी बात ये है की अगर कांग्रेस की केन्द्र सरकार बीजेपी के मुख्यमंत्रियों के पत्रों से चलती है और प्रधानमंत्री सिर्फ बीजेपी के मुख्यमन्त्रियो के पत्रों पर ही निर्णय लेते है क्योकि प्रधानमंत्री के पास खुद की अपनी कोई बुद्धि नही है? 

तो मित्रों उसी केन्द्र सरकार को मोदी ने पोटा कानून की मंजूरी के लिए पांच पत्र लिखे | गुजरात के केरोसिन कोटे मे ३२% कमी करने के खिलाफ तीन पत्र लिखे, गुजरात प्रदेश कांग्रेस प्रमुख अर्जुन मोधवाडिया ने एक बार मोदी जी और केबिनेट मंत्री आनंदी बेन पटेल को लेकर बहुत ही शर्मनाक और अश्लील बाते कही थी उस बारे मे मोदी जी ने सोनिया को पत्र लिखा | लेकिन तब केन्द्र सरकार एक मुख्यमंत्री के पत्र को मान्यता क्यों नही दी ?


मित्रों, आखिरी निर्णय लेने वाले खुद तत्कालीन कोयला मंत्री ही थे और उस समय कोयला मंत्रालय का कार्यभार भी खुद प्रधानमंत्री के पास था फिर इस मामले मे बीजेपी दोषी कैसे हुई ?

सीएजी ने अपने कई लाख पन्ने के रिपोर्ट मे एक लाइन भी बीजेपी के बारे मे नही लिखा है | बल्कि उसने कहा की बीजेपी के दो मुख्यमंत्री सिर्फ अपने राज्य के सरकारी फायदे के लिए पत्र लिखे थे न की निजी | अगर राजस्थान या छत्तीसगढ़ की सरकारी बिजली कम्पनी को कोयला सस्ता मिलता तो इसमें उनका निजी फायदा नही होता |

लेकिन ये कांग्रेस का दलाल केजरीवाल और उसकी गैंग बार बार बीजेपी का नाम् लेकर जनता को गुमराह कर रही है |
केजरीवाल जी, अगर किसी के पत्नी को बच्चा न हो रहा हो तो आप उसे पड़ोसी को दोष देंगे या उसके पति को ?