Sunday 19 August 2012

केंद्रीय पेट्रोलियम राज्यमंत्री आरपीएन सिंह, गुजरात कांग्रेस के नेताओ अर्जुन मोढवाडिया, शक्तिसिंह गोहिल .. क्या तुम सब गुजरात की जनता को अपने जैसा मुर्ख और बेवकूफ समझते हो ? क्या तुम गुजरात की जनता को अपने जैसा सोनिया का पाला हुआ गुलाम, चाटुकार चमचा समझते हो ? क्या गुजरात हाईकोर्ट झूठा है ? अरे मूर्खो , जब तुम इस देश के सीएजी को झूठा कह सकते हो तब तुम्हारे लिए तो पूरी कायनात झूठी है सिर्फ सोनिया का तलवा जिसे तुम चाटते हो वही सच्चा है |



ये मुर्ख कांग्रेसी नेता क्या जनता को भी अपने जैसा मुर्ख समझते है ? अगर ये सोनिया के तलवे चाटने वाले .. राहुल गाँधी के चरणों मे लोटने वाले चाटुकार, सत्ता के प्यासे और हवसखोर और एनडी तिवारी की नाजायज औलाद है तो क्या ये अपने जैसे पूरे देश की जनता को समझते है ?

मित्रों, ये नीच कांग्रेसी अब पूरे गुजरात की जनता की आँखों मे धुल झोकने निकले है | गत 25 जुलाई को गुजरात हाईकोर्ट ने केन्द्र सरकार को आदेश दिया कि वो दिल्ली और मुंबई के भाव पर ही गुजरात को भी गैस दे | इस सुनवाई के लिए खुद भारत सरकार के असिस्टेंट सोलिसिटर जनरल पीएस चाम्पनेरी केन्द्र सरकार का पक्ष रख रहे थे .. लेकिन गुजरात हाईकोर्ट ने अपने आदेश मे साफ कहा कि दिल्ली और मुंबई के तर्ज पर गुजरात को भी गैस मिलना चाहिए | केन्द्र सरकार किसी भी राज्य के साथ सौतेला व्यहार नही कर सकती | केन्द्र सरकार को गुजरात को गैस की मात्रा उसके जनसख्या और मांग के अनुपात मे देनी ही होगी | इसके आलावा केन्द्र सरकार गुजरात को बीस रूपये ज्यादा दाम पर गैस देती है इसे हाईकोर्ट ने गलत ठहराते हुए गुजरात को भी मुंबई और दिल्ली के भाव मे गैस देने का आदेश दिया |

मित्रों, गुजरात हाईकोर्ट का ये फैसला पूरे गुजरात ही नही बल्कि देश के सभी प्रमुख अखबारों मे प्रमुखता के साथ छपा और साथ ही गुजरात बीजेपी ने गुजरात के साथ कांग्रेस द्वारा किये जा रहे इस सौतेलेपन को जनता के बीच उजागर करने के लिए एक एड कैम्पेन भी चलाया जिससे गुजरात की सत्ता की जन्मोजन्म से प्यासी गुजरात कांग्रेस किसी खजेले कुत्ते की तरह तडप उठी |

कल गुजरात कांग्रेस ने केंद्रीय तेल और प्राकृतिक गैस राज्यमंत्री आरपीएन सिंह को अहमदाबाद बुलाया था | और उन्होंने गुजरात कांग्रेस के लबाड नेताओ के साथ बैठकर कुछ कागज पर फर्जी आकड़े बनाये और बताने लगे की केन्द्र गुजरात के साथ कोई अन्याय नही कर रहा है , लेकिन जब वहाँ मौजूद पत्रकारों ने उन्हें गुजरात हाईकोर्ट का जजमेंट पढ़ने को दिया तब मंत्री महोदय की बोलती बंद हो गयी और पास बैठे गुजरात कांग्रेस के नेता एक दूसरे का मुंह देखने लगे |

और केंद्रीय मंत्री की हालात तब देखने जैसी हो गयी जब एक पत्रकार ने पूछा कि क्या आप एलान करते है कि गुजरात हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ केन्द्र सरकार सुप्रीम कोर्ट ने नही जायेगी ? आखिर अगर आप गुजरात के साथ सौतेलापन नही करते तो फिर आपके सोलिसीटर जनरल ने गुजरात हाईकोर्ट के फैसले को केन्द्र मे चुनौती क्यों देने जा रहे है ?

फिर तो बेचारे आरपीएन सिंह और जन्म जन्म के सत्ता के प्यासे और सत्ता के लिए तडप रहे गुजरात कांग्रेस के नेताओ के पास कोई जबाब नही सुझा ... पांच मिनट की ख़ामोशी के बाद आरपीएन सिंह ने कहा की ये तो आप कानूनमंत्री से पूछिए |

मित्रों, सत्ता की प्यासी दोगली कांग्रेस को अपना दोगलापन नही दिखता .. वो सत्ता के लिए इतनी तडप रही है कि उसे पिछले महीने ही गुजरात हाईकोर्ट का फैसला भी नही दिखता |







 

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