Thursday 31 January 2013

कांग्रेसियो के नीचता की हद हो गयी .. १६ साल पुराने जिस मामले में गुजरात के आठ विभागों के केबिनेट मंत्री बाबुभाई बोखिरिया सुप्रीम कोर्ट के द्वारा बाइज्जत बरी हो चुके है उस केस को दुबारा खोलने के लिए पहले पोरबन्दर कोर्ट में अर्जी दी .. फिर कोर्ट के द्वारा अस्वीकार किये जाने के बाद गुजरात हाईकोर्ट में अर्जी दी |






मित्रो, बाबुभाई बोखिरिया  1998 से 2002 तक गुजरात के खान, खनन व खनिज, कृषि, मत्स्यउद्योग मंत्री थे .. फिर कांग्रेस के नेता अर्जुन भाई ने साजिश करने उनके उपर खनिज रायल्टी में हेराफेरी का आरोप लगाकर सीबीआई के द्वारा उन्हें तब गिरफ्तार करवा दिया जब वो लन्दन से अहमदाबाद एयरपोर्ट पर उतरे थे .. उन्हें घर भी नही जाने दिया गया था और सीबीआई उन्हें बगवदर थाने लेकर गयी थी |

मित्रो, सोचिये इसी कांग्रेस के राज में देशद्रोही ओबैसी के खिलाफ सैकड़ो मामले दर्ज हुए .. कोर्ट ने उसे गिरफ्तार करने का आदेश दिया लेकिन वो आराम से लन्दन से आया और हवाईअड्डे से सीधे अपने हजारो समर्थको के साथ घर चला गया था ..

मित्रो, लाइम स्टोन की रायल्टी के केस में बाबुभाई को पहले पोरबन्दर कोर्ट फिर गुजरात हाईकोर्ट और फिर अंत में सुप्रीमकोर्ट ने बरी कर दिया | क्योकि बाबुभाई की कम्पनी ने खनिज की पूरी रायल्टी भरी हुई थी इसलिए सुप्रीमकोर्ट ने कहा की बाबुभाई को राजनितिक रंजिश की वजह से झूठे फंसाया गया है |

लेकिन बाबुभाई से अपनी करारी हार से तिलमिलाए अर्जुन भाई मोधवाडिया हर रोज पर्दे के पीछे नई नई साजिशे रच रहे है | जब बाबुभाई जीते तो अर्जुन भाई ने ये सोचा की बाबुभाई मंत्री न बने इसलिए उन्होंने एक पालतू आदमी से राष्ट्रपति को पत्र लिखवाया की उसकी जान को बाबुभाई से खतरा है और उन्हें मंत्री बनने से रोका जाये | और अर्जुन भाई ने उस पत्र को गुजरात के अखबारों में भी छपवाया |

लेकिन नरेंद्र मोदी जी ने अर्जुन भाई के नौटकी की कोई परवाह नही की और बाबुभाई को केबिनेट मंत्री बना दिया | लेकिन अर्जुन भाई तब और तिलमिला गये जब नरेद्र मोदी जी ने बाबुभाई को कृषि, सिंचाई, मत्स्य उद्योग, सहकारिता, पशुपालन, जलसम्पत्ति, गौ सम्वर्धन, बांध विकास आदि महत्वपूर्ण विभाग दे दिए | इससे अर्जुन भाई को लगा की अब वो पूरी जिन्दगी पोरबन्दर में बाबुभाई से जीत नही सकते क्योकि बाबुभाई मंत्री बनते ही ताबड़तोड़ कई प्रोजेक्ट का एलान कर दिया | और अपना मोबाईल नम्बर पोरबन्दर के हर गाँव में लोगो को दे दिया की कोई भी काम हो आप मुझे कभी भी फोन कर सकते है | आज बाबुभाई को कोई भी फोन करे तो वो तुरंत ही उसपर एक्शन लेते है |

मित्रो, इतना ही नही बाबुभाई को एक पुराने मर्डर केस में फिर से फंसाने की कोशिश कांग्रेसी कर रहे है | पोरबन्दर में अक्तूबर 2005 में कांग्रेस नेता और लाइम स्टोन कारोबारी मोणुभाई मोढवाडिया का मर्डर उनके घर के सामने हो गया था | इस केस में पुलिस ने भीमा दुला, लछमन दुला, मेरमण माले को गिरफ्तार किया | मृतक की तलाशी में पुलिस को एक पत्र मिला जिसमे लिखा था की मेरी जान को मेरे कारोबारी प्रतिद्वंदीयो भीमा दुला और बाबुभाई से खतरा है | लेकिन पुलिस जाँच में ये पाया गया की ये पत्र किसी ने बाद में डाला था | इसलिए चार्जशीट में बाबुभाई बोखिरिया का नाम नही डाला गया |

पोरबन्दर फास्टट्रेक कोर्ट और राजकोट की एपेक्स कोर्ट ने भी इस मामले में बाबुभाई को निर्दोष पाया | यहाँ तक की गुजरात हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट ने भी इस केस की सीबीआई जाँच की मांग ठुकरा दी |
हाईकोर्ट ने कहा की यदि किसी मृतक के जेब से पत्र निकले की उसकी जाँच को किसी से खतरा है और यदि उसके खिलाफ कोई सुबूत न हो तो उसके खिलाफ केस नही चलाया जा सकता | कोर्ट में ये भी सवाल उठा की यदि किसी मृतक की जेब से पत्र निकले की उसकी जान को प्रधानमन्त्री से खतरा है तो क्या प्रधानमन्त्री के खिलाफ बिना किसी सुबूत के सिर्फ एक पत्र के आधार पर मुकदमा चलाया जा सकता है ?

मित्रो, गुजरात हाईकोर्ट मोणुभाई मर्डर केस में बाबुभाई के खिलाफ केस चलाने की अर्जी को ठुकरा दिया .. हलांकि आज भी सुप्रीम कोर्ट में ये मामला लम्बित है की क्या किसी मृतक की जेब में मिले पत्र के आधार पर किसी के खिलाफ हत्या जैसी संगीन केस में केस चलाया जा सकता है या नही .. इसी तरह से दुसरे कई मामलो में सुप्रीमकोर्ट ने कहा है की मृतक की जेब में मिले पत्र में यदि किसी का नाम हो और उसके खिलाफ कोई अन्य सुबूत न हो तो उसके खिलाफ केस नही चलाया जा सकता है |

यहाँ तक की एक केस में एक व्यक्ति ने मरने के पहले जो बयान दिया जिसमे उसने जो नाम दिया वो व्यक्ति विदेश में था ..उस केस के बाद सुप्रीमकोर्ट में सवाल उठा की क्या मरते समय भी कोई व्यक्ति झूठ बोल सकता है ? इस केस में सुप्रीम कोर्ट ने पाया की उस व्यक्ति ने मरते समय भी अपने विरोधी को फंसाने की कोशिस की क्योकि उसने जिस व्यक्ति का नाम गोली चलाने वाले के तौर पर लिया वो विदेश में था | बाद में सुप्रीम कोर्ट ने ने सभी राज्यों के हाईकोर्ट और निचली अदालतों को कहा की किसी भी व्यक्ति के मरते समय दिए गये बयान [डाइंग डिक्लेरेशन] पर आँख मुदकर विश्वास न करे | सभी पहलुओ की जाँच करने के बाद ही कोई फैसला दे |

मित्रो, अब बाबुभाई के खिलाफ इस केस में भी फिर से फंसाने की कोशिस के लिए अर्जुन भाई के इशारे पर कुछ लोगो ने पहले निचली कोर्ट में अर्जी दी जिसे कोर्ट द्वारा ठुकराने के बाद गुजरात हाईकोर्ट में अर्जी दी है | लेकिन हाईकोर्ट ने कहा है की वो बिना बाबुभाई का पक्ष जाने कोई भी निर्णय नही करेगा |ये लोग तब क्यों खामोश थे जब बाबुभाई मंत्री नही थे ?


लेकिन सत्य को कोई दबा नही सकता .. सत्य थोड़े समय के लिए परेशान हो सकता है लेकिन पराजित नही |

क्या कांग्रेस में अब कोई ईमानदार और स्वच्छ छवि रखने वाला दूसरा कोई नेता नही बचा ? आखिर सोनिया गाँधी ने देश की दूसरी सबसे बड़ी बजट वाली परियोजना जवाहर लाल नेहरु अर्बन रिन्युएबल मिशन [JNRUM] का अध्यक्ष क्यों बनाया ?

 मित्रो, सोनिया गाँधी ने कल सुरेश कलमाड़ी को देश की दूसरी सबसे बड़ी बजट वाली योजना जवाहर लाल नेहरु अर्बन रिन्यूवल मिशन का अध्यक्ष बनाया है | देश के कुल 61 शहरों में चलने वाली इस योजना का कुल बजट 52,735.83 करोड़ रूपये है | मित्रो, सोचो .. जिस व्यक्ति ने कामनवेल्थ गेम में कुल बारह हजार करोड़ रूपये लुटा हो उसे इतनी बड़ी योजना का अध्यक्ष बनाने के पीछे सोनिया गाँधी का क्या मकसद है ?            

जिस सुरेश कलमाड़ी ने पुरे १४ महीने तिहाड़ में बिताये हो और जिसे कई कई जाँच एजेंसियां दोषी ठहरा चुकी हो और जिसके खिलाफ आज भी कई कई गम्भीर धाराओ में जिसमे देश के खजाने को लुटने, गैंग बनाकर देश के खिलाफ साजिश रचने, देश के खिलाफ धोखाधड़ी आदि जैसे गम्भीर आरोप हो उसे ही सोनिया गाँधी ने  JNRUM का अध्यक्ष क्यों बनाया ?                                                                                                                                                                                                        
जिसने कोम्न्वेल्थ गेम में १०० रूपये का टिश्यु पेपर तक खरीदने में करोड़ो रूपये खर्च किये वो व्यक्ति अब करोड़ो रूपये की बसे, करोड़ो रूपये के स्पेयर पार्ट्स और कई कई शहरों में चल रही कई लाख करोड़ की बीआरटीएस जैसी परियोजनाओ के लिए सामान खरीदने और उन्हें मंजूरी देने में कितने का घोटाला करेगा ?                                                         
                                                                                       
मित्रो, दिल्ली के गलियारों में चर्चा है की सुरेश कलमाड़ी की नियुक्ति के पीछे राबर्ट बढेरा का हाथ है क्योकि सुरेश कलमाड़ी ने राबर्ट बढेरा को कामनवेल्थ गेम के घोटाले में भी करोड़ो रूपये कमिशन के तौर पर बहुत ही ईमानदारी से  दिए थे .और उसी से खुश होकर राबर्ट बढेरा ने कलमाड़ी को JNRUM का अध्यक्ष बना दिया |                                                






Saturday 26 January 2013

जब तक देश में मोहम्मद इरफ़ान शेख जैसे दलाल पत्रकार इस पेशे में रहेंगे तब तक हम मीडिया को चौथा स्तम्भ नहीं मान सकते | क्या कोई पत्रकार चाटुकारिता की पराकाष्ठा भी पार कर सकता है ? क्या किसी ने दामिनी काण्ड पर राहुल गाँधी को बोलते देखा ? जब देश का युवा कड़ाके की ठंड में दिल्ली की सडको पर था तब ये भोदू युवराज उर्फ़ राहुल गाँधी कहाँ थे ? ये चाटुकार पत्रकार ने कहा की राहुल गाँधी को इस घटना ने बहुत ही विचलित कर दिया था |


मित्रो, पत्रकार मोहम्मद इरफ़ान शेख ने एक किताब लिखी "राहुल -एक करिश्मा" | हा हा हा भाई राहुल गाँधी में ऐसी कौन सा करिश्मा है जो इन चाटुकार पत्रकार को दिखता है लेकिन देशवासियों को नही दिखता ?

मित्रो, सोचिये देश के गृहमंत्री कितने व्यस्त रहते होंगे .. लेकिन उन्होंने इस किताब का विमोचन किया | चूँकि मामला राहुल गाँधी के करिश्मे से जुड़े किताब का विमोचन से था और इसी बहाने गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे को राहुल गाँधी के गुणगान करने और चाटुकारिता करने का मौका मिलता इसलिए शिंदे ने तुरंत ही इस किताब के विमोचन के लिए हाँ कर दी |
और हुआ भी ऐसा ही .शिंदे ने राहुल भक्ति खूब की | उन्होंने  कहा कि राहुल गांधी से बड़ी उम्मीदें हैं, वे एक नयी सोच को दिशा देंगे और युवाओं को राजनीति की मुख्यधारा से जोड़ेंगे। हा हा हा फिर पिछले १० सालो से राहुल गाँधी क्या किये ?क्या हाल हुआ यूपी, बिहार, पंजाब और गुजरात में?
सबसे बड़ा दावा तो इस किताब के लेखक मो इरफान शेख ने दावा किया है | शायद लेखक महोदय को भी पंकज पचौरी जैसे कोई बड़ा पद चाहिए | अब जानते है की एनडीटीवी में रहते हुए पंकज पचौरी ने कांग्रेस और नकली गाँधी खानदान की चमचागिरी करने में सारे विश्व रिकार्ड तोड़ दिए थे | पंकज पचौरी की स्वामिभक्ति से खुश होकर मालकिन ने उन्हें देश के सबसे ताकतवर पदों में से एक प्रधानमंत्री का मीडिया सलाहकार नियुक्त कर दिया | और पंकज पचौरी को लालबत्ती वाली सरकारी कार, आठ स्टाफ, लुटियंस जोन ने एक बंगला और बीस लाख रूपये महीने की सेलेरी मिलने लगी | मजे की बात ये कि प्रधानमन्त्री से भी ज्यादा सेलरी प्रधानमन्त्री के मीडिया सलाहकार पंकज पचौरी की है |

अपनी किताब "राहुल एक करिश्मा" में लेखक मो. इरफ़ान शेख ने दावा किया है कि दामिनी निर्भय मामले ने राहुल गांधी को बहुत विचलित किया और कांग्रेस संगठन की जिम्मेदारी लेने के पीछे इस घटना का बहुत बड़ा हाथ है। इरफान के मुताबिक जब देश के युवा आंदोलन कर रहे थे तो राहुल लगातार घटनाक्रम पर नज़र रखे हुए थे और यही वजह है कि उन्होंने अपनी मां सोनिया गांधी से रात को जा कर बात की और राजनीति में बड़ी जिम्मेदारी उठाने का फैसला लिया।

मित्रो, ये दोगले और चाटुकार पत्रकार आखिर अपने पेशे यानी पत्रकारिता के साथ न्याय कैसे करेंगे ?

कल कांग्रेस के सांसद विजय दर्डा के मराठी चैनेल आईबीएन लोकमत पर एक प्रोग्राम देखा ..."आज का सवाल"-- समझ में नही आता की कुछ दोगले पत्रकारों जैसे निखिल वागले, कुमार केतकर जैसे दलालों को नरेद्र मोदी के नाम से कोई एलर्जी है या इनके मुंह में कांग्रेस नोटों के बंडल ठूंस देती है ?





इस प्रोग्राम में एक घोर हिन्दू विरोधी और नरेंद्र मोदी का घोर विरोधी संजय पवार नामक लेखक और तथाकथिक दलित ठेकेदारी की दुकान चलाने वाला भी था |

मजे की बात ये है की ये चैनल मराठी भाषा में है और महाराष्ट्र में चलता है लेकिन सेटटॉप की वजह से कई जगहों पर देखा जा सकता है | लेकिन इसमें अचानक से महाराष्ट्र से हटकर  मुद्दा गुजरात और  नरेंद्र मोदी हो गये | आजकल सारे दलाल मीडिया वाले बात बात में मोदी और गुजरात जबरजस्ती घुसा देते है | इस संजय पवार ने कहा की गुजरात में लोकतंत्र है ही नही .. वाह रे दोगलो !! अभी कुछ दिन पहले ही गुजरात में चुनाव हुए और लोगो ने मोदी को वोट दिए .. अब दोगले निखिल वागले को इस तथाकथिक लेखक संजय पवार से पूछना चाहिए की भाई तुम्ही बताओ की लोकतंत्र की परिभाषा क्या होती है ? अगर नरेंद्र मोदी चुनाव जीते तो तानाशाही और अगर कांग्रेस जीते तो लोकत्रंत ? वाह रे दलालों !! भाई १० जनपथ से फेके जाने वाले बोटियो में कितनी ताकत होती है की आज के नीच और दोगले पत्रकार और लेखक लोकत्रंत की परिभाषा और मायने तक बदल देते है |

लेकिन एंकर बना निखिल वागले उसको और उकसाता रहा .. आजकल टीवी चैनेलो के एंकरों में एक न्य ट्रेंड देखने को मिल रहा है ..जब भी कोई बीजेपी वाला बोले तो उसे बीच बीच में टोकते रहो .. और साथ ही दो कांग्रेसी, दो कांग्रेस के फेके हुए टुकड़े पर पलने वाले दलाल पत्रकार, एक तथाकथित मोदी विरोधी बुद्धिजीवि, एक या दो वामपंथी, फिर ये सभी दोगले एक होकर बीजेपी के प्रवक्ता पर सवालों की बौछार छोड़ देते है और दोगला एंकर भी इन दलालों का साथ देता है |

फिर ये संजय पवार यही तक नही रुका | उसने कहा की गुजरात में आज भी आमिर खान की फिल्मे दिखाने पर प्रतिबन्ध है क्योकि आमिर खान ने मोदी के खिलाफ कई बार बोला है |

मित्रो, एक टीवी चैनेल पर यदि कोई पूर्वाग्रहों से ग्रसित मानसिक विकलांग व्यक्ति कुछ भी बोले तो एंकर को उसमे स्पष्टीकरण देना चाहिए | और ये दोगले देते भी है लेकिन जब कोई बीजेपी का प्रवक्ता नीच गाँधी खानदान या कांग्रेस के खिलाफ कोई बात कहे .. फिर तो ये तुरंत कहने लगते है की ये चैनेल के विचार नही है |

मित्रो, एंकर निखिल वागले संजय पवार की झूठी बातो में हाँ में हाँ मिलाता रहा | जबकि ये बात पूरी तरह से झूठ है |

मित्रो, गुजरात में नर्मदा डैम की ऊंचाई बढ़ाने के मुद्दे पर कुछ साल पहले नरेद्र मोदी जी ने अनशन किया था जिसके दबाव में आकर केंद्र सरकार ने नर्मदा डैम की ऊंचाई बढ़ाने की अनुमति दे दी | फिर इसके खिलाफ दिल्ली में जन्तर मन्तर पर मेघा पाटकर अनशन पर बैठ गयी | अब भला डैम की ऊंचाई बढ़ाने से मेघा पाटकर को क्या समस्या हो गयी ? हद तो तब हो गयी जब आमिर खान भी मेघा पाटकर के साथ अनशन पर बैठ गया और उसने भी नर्मदा डैम की उचाई बढ़ाने को गलत बताया |
मित्रो नर्मदा नदी गुजरात के लिए जीवन दायिनी नदी है | गुजरात में कहा जाता है "नर्मदे -सर्वदे ..गुजरात को जल दे"|


मित्रो, उसी दरम्यान आमिर खान की फिल्म "फना" रिलीज हुई | लेकिन आमिर खान के गुजरात विरोधी वलन से नाराज गुजरात सिने एंड मल्टीप्लेक्स एसोसिएशन ने फना को गुजरात में न दिखाने का फैसला किया | जबकि इस फैसले से गुजरात सरकार का कोई लेना देना नही था | गुजरात सरकार ने कहा था की जो भी सिनेमा हाल फना दिखाना चाहेंगे राज्य सरकार उनको पूरी सुरक्षा देगी | लेकिन गुजरात के किसी भी सिनेमा हाल ने फना लगाने से इंकार कर दिया | एक दिन के बाद जामनगर के कांग्रेसी सांसद विक्रम माडम ने एलान किया की उनके सिनेमा हाल में फना रिलीज होगी | राज्य सरकार ने उनके सिनेमा हाल को पूरी सुरक्षा दी | लेकिन दो दिनों के बाद विरोध स्वरुप एक युवक ने सांसद महोदय के सिनेमा हाल के अंदर खुद को आग लगाकर आत्मदाह कर लिया |

चूँकि वो युवक ब्राम्हण समुदाय से था इसलिए सांसद महोदय को लगा की इस घटना से ब्राम्हण उनके खिलाफ हो जायेंगे क्योकि जामनगर में ब्राम्हण अच्छीखासी तादाद में है इसलिए सांसद महोदय ने गुजरात की जनता से माफ़ी मांगते हुए फना फिल्म को उतार लिया |

मित्रो, ये सभी घटनाक्रम पब्लिक डोमेन में आ चुकी है लेकिन दुःख इस बात का है की भारत के लोगो का यादाश्त बहुत कमजोर होता है |


मित्रो, सोचिये दोगले मीडिया वाले देश की जनता को किस कदर बरगलाते है और झूठ पर झूठ बोलकर गुजरात और नरेंद्र मोदी को बदनाम करने का कोई मौका नही छोड़ते भले ही इसके लिए झूठ का सहारा लेना पड़े |

Friday 25 January 2013

सच में कांग्रेसी चाहे देश के सर्वोच्च पद पर भले ही पहुच जाये लेकिन घडियाली आंसू बहाना नही भूलते ... राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी जिनको सोनिया ने सिर्फ इसलिए राष्ट्रपति बनाया जिन्होंने वित्तमंत्री रहते अपनी खूब छीछालेदर करवाई लेकिन हुए कालेधन रखने वालो की सूची सार्वजनिक नही की |




कल राष्ट्र के नाम सम्बोधन में इस घडियाल ने घडियाली आंसू बहाते हुए कहा की "मुझे दिल्ली गैंगरेप कांड ने झकझोर दिया है"
मित्रो, सोचिये ये वही राष्ट्रपति है जिसने राष्ट्रपति भवन में दिल्ली गैंगरेप कांड पर ज्ञापन देने के लिए समय मांग रही लडकियों को ये कहते हुए समय नही दिया की राष्ट्रपति के पास फालतू कामो के लिए समय नही होता | फिर जब कुछ लडकियाँ राष्ट्रपति भवन में घुसने की कोशिस कर रही थी तो उनको इसने लाठियों से पिटवाया | लेकिन एक बार भी बहार आकर आन्दोलन कर रहे लोगो से कोई बात नही की .. और तो और पुरे आन्दोलन के दौरान के एकदम खामोश रहा |

राष्ट्रपति जी यदि आपको दिल्ली गैगरेप कांड ने सच में झकझोरा है तो आप दामिनी पर सबसे ज्यादा जुल्म ढाने वाले नाबालिक आरोपी मोहम्मद अफरोज जिसने तीन बार दामिनी का बलात्कार किया और जिसने दामिनी के अंदर सरिया डालकर उसकी आंते बहार निकाल दी थी जिसकी वजह से ही दामिनी की मौत हुई थी, जो अब सिर्फ तीन साल की सजा पाकर आज़ाद हो जायेगा फिर किसी और दामिनी पर जुर्म करेगा | राष्ट्रपति जी आप अपने पावर से इस मोहम्मद अफरोज की हैवानियत को जुवेनाइल केस से हटा दो | राष्ट्रपति के पास पावर होती है की वो अपराध की गम्भीरता को देखते हुए जुवेनाइल एक्ट में बदलाव कर सकता है |

लेकिन देश को मालूम है की आप ऐसा नही करोगे .. आप, सोनिया गाँधी और मनमोहन सिंह सिर्फ घडियाली आंसू ही बहाकर देश को धोखा देंगे .क्योकि वोट बैंक का सवाल है और मोहम्मद अफरोज आपके लिए वोट देने वाली मुर्गी है |

लेकिन हे दोगले कांग्रेसियो ..जब तुम इस मामले पर कुछ नही कर सकते तो कम से कम इस केस पर घडियाली आंसू तो बहाना बंद कर सकते हो न |

मित्रो, ये बगुला भगत है जो सिर्फ घडियाली आंसू बहाना जानता है |

Thursday 24 January 2013

चंद मुस्लिम वोटो की खातिर दोगले और नीच कांग्रेसी सिर्फ समूचे हिन्दू समाज को ही नही बल्कि हिन्दू संस्कृति के जनक भारत को पुरे विश्व में में बदनाम कर रहे है ... सुशील शिंदे पहले सोनिया गाँधी का पालतू चमचा है या भारत का गृहमंत्री ?










मित्रो, जबसे विकिलीक्स ने खुलासा किया की राहुल गाँधी ने अमेरिकी राजदूत से कहा की भारत को मुस्लिम आतंकी या पाकिस्तानी आतंकी से ज्यादा खतरा हिन्दू आतंकियों से है तबसे कांग्रेस में हासिये पर धकेले गये नेताओ तथा राहुल की मेहरबानी से मंत्री पद पाए नेताओ में अपने आपको हिन्दू विरोधी साबित करने की होड़ ही मच गयी है | चंद वोटो की खातिर कांग्रेस पूरे देश को क्यों बदनाम करना चाहते हैं? आज यदि हिंदू या भगवा आतंकवाद शब्द दुनिया के देशों की जुबान पर चढ़ जाए तो उसका परिणाम क्या होगा? भारत बदनाम होगा। भारत उसी कतार में बैठ जाएगा, जिसमें पाकिस्तान बैठा है। पाकिस्तानी को इस्लामी आतंकवाद का जनक माना जाता है तो भारत को हिंदू आतंकवाद का जनक माना जाने लगेगा। लश्करे-तयैबा के सरगना हाफिज सईद के हाथ में शिंदे ने एक नया हथियार पकड़ा दिया है। सईद का कहना है कि आतंकवादी राष्ट्र पाकिस्तान नहीं, हिन्दुस्तान है।
मित्रो हम सब जानते है की गाँधी खानदान हिन्दुओ से बेइंतिहा नफरत करता है | सोनिया गाँधी ने हिन्दुओ को भारत में दोयम दर्जे का नागरिक बनाने के लिए "साम्प्रदायिक हिंसा निवारण बिल २०१२" पारित कराने की असफल कोशिस कर चुकी है | 

मित्रो एक बार जब राजीव गाँधी सोनिया गाँधी के पास नेपाल के पशुपतिनाथ मन्दिर गये थे तब सोनिया को मन्दिर के अंदर प्रवेश करने से रोक दिया गया था क्योकि सोनिया गाँधी जन्म से हिन्दू नही थी और इटली में गौमांस खाती थी .. इटली का राष्ट्रिय खाना पिज्जा है और इटली में बिना गौमांस [बीफ] के पिज्जा नही बनता है .. इटली के हर घर में गौमांस खाया जाता है | फिर उसके कुछ महीनों के बाद सोनिया और राजीव उड़ीसा के पूरी के जगन्नाथ मन्दिर में जाना चाहते है वहाँ भी सोनिया को बाहर रोक दिया गया | तबसे सोनिया गाँधी के मन में हिन्दुओ और हिंदुत्व के प्रति घोर नफरत भर गयी है | 

मित्रो, काठमांडू में पशुपति नाथ मन्दिर के प्रवेश से रोके जाने पर सोनिया गाँधी इतनी क्रोधित हो गयी की उन्होंने त्रिया चरित्र से राजीव के कान भरके नेपाल और भारत के बीच सारे सम्बन्ध तोडवा दिए | भारत और नेपाल के बीच सारा व्यापर बंद हो गया |भारत से नेपाल से लगती अपनी सारी सीमाए बंद कर दी | चूँकि नेपाल एक "लैंड लाक्ड कंट्री" [चारो तरफ से जमीन से घिरा हुआ ] है इसलिए नेपाल खाड़ी के देशो से अपना सारा तेल भारत के बन्दरगाहो पर ही मंगाता है और फिर सडक के रस्ते नेपाल जाता है | मित्रो राजीव गाँधी के इस मूर्खतापूर्ण फैसले से नेपाल में भुखमरी की स्थिति आ गयी ..हजारो लोग दवाओ के आभाव में मारे गये | नेपाल का सारा पेट्रोलियम ख़त्म हो गया | इस घटना के बाद नेपाल और चीन में निकटता बढ़ गयी .. नेपाल को चीन ने उस संकट के समय हरसम्भव मदद दी .. धीरे धीरे चीन ने नेपाल तक रेल लाइन और सडक तक बना लिए | मित्रो इससे भारत की अखंडता को गम्भीर खतरा पैदा हो चूका है |
संसद की वेबसाईट पर सांसदों के जीवन परिचय में सबके सामने उनका धर्म लिखा है लेकिन राहुल गाँधी और सोनिया गाँधी के आगे उनका धर्म नही लिखा है | एक आरटीआई एक्टिविस्ट सतीस वर्मा ने जब आरटीआई से सोनिया और राहुल का धर्म भारत सरकार, स्पीकर से माँगा तो उन्होंने राहुल और सोनिया से पूछा की क्या आपके धर्म को सार्वजनिक कर दिया जाये ? लेकिन दोनों ने मना कर दिया | आखिर क्यों ? क्योकि सोनिया और राहुल हिन्दू है ही नही ... 
मित्रो, अभी कुछ दिन पहले खबर आई थी की राहुल गाँधी की अफगानिस्तान की एक राजपरिवार की मुस्लिम लडकी से अफेयर है और दोनों शादी करने वाले है .. राहुल गाँधी ने उस लडकी के उपर ईसाई धर्म अपनाने के लिए दबाव डाला है .. आखिर ईसाई धर्म क्यों ? इसी बात से ये साबित हो जाता है की राहुल गाँधी हिन्दू नही है बल्कि वो ईसाई है | देश की जनता को मुर्ख बनाने के लिए वो कभी यूपी में अपने आपको ब्राम्हण तो कभी गुजरात में अपने आपको गुजराती कहते है |
अब देश को पता चल गया होगा की आखिर क्यों कांग्रेस के सभी नेताओ में हिन्दुओ का अपमान करके की एक होड़ सी मच गयी है | मित्रो जैसे कोई मालिक अपने कुत्ते के करतब से खुश होकर उसके आगे बोटी फेकता है वैसे ही सोनिया और राहुल अपने चमचो के द्वारा हिन्दुओ और हिंदुत्व के अपमान से खुश होकर उनके आगे चबाने के लिए बोटी फेकते है |
 सुशील कुमार शिंदे के ब्यान का जमात उद दावा का चीफ और मुम्बई हमले का मास्टरमाइंड हाफिज सईद ने तुरंत ही स्वागत किया |
पाकिस्तान भारत के गृहमंत्री के बयान को संयुक्त राष्ट्र संघ में उठाएगा .. दिल्ली स्थित पाकिस्तानी दूतावास ने शिंदे, दिन्ग्विजय और मणिशंकर अय्यर के बयानों की पूरी सीडी इस्लामाबाद भेजी ..

पाकिस्तान का कहना है की अब जाकर भारत के किसी गृहमंत्री ने सच कहने की हिम्मत जुटाई है ..भारत में होने वाले हर आतंकी घटनाओ को हिन्दुओ ने ही अंजाम दिया है और अब तक की पहले की भारत की सभी सरकारे पाकिस्तान, आईएसआई और मुस्लिमो को बदनाम करती आई है वाह रे दोगले गृहमंत्री ..
पाकिस्तान तो अपने आतंकवाद को निर्यात करता है। उसने आतंकवाद को बनाया ही था, निर्यात के लिए। भारत उसे कहां निर्यात करेगा? भारत में अगर ‘हिंदू आतंकवाद’ फैल गया तो वह सबसे ज्यादा किसका विनाश करेगा? भारतीयों का और भारतीयों में भी हिंदुओं का! दुनिया के सारे आतंकवादियों का इतिहास पढ़ लीजिए। कश्मीरी आतंकवादी सबसे ज्यादा किन्हें मार रहे हैं? और तालिबान? उनके शिकार सबसे ज्यादा मुसलमान ही होते रहे हैं। श्रीलंका के तमिल आतंकवादियों ने जितने सिंहल नेताओं को मारा, उनसे ज्यादा तमिल नेताओं को मारा। अमेरिका के उग्रवादी ईसाई क्लू क्लक्स क्लान आतंकवादियों ने ईसाइयों को ही मारा। हमारे बंगाल के माओवादी सबसे ज्यादा वामपंथियों को ही मारते हैं। हिंसा का विरोध करनेवाले लोग आतंकवादियों का पहला निशाना बनते हैं। भारत के अधिसंख्य लोग हिंसा-विरोधी हैं। ‘हिंदू आतंकवाद’ शब्द गढ़कर आप भारत को पाकिस्तान क्यों बनाना चाहते हैं? आतंकवाद कोई भी करे, चाहे वह हिंदू हो या मुसलमान या ईसाई या सिख- उसे उसके मजहब से मत जोडि़ए। वह उसका शुद्ध व्यक्तिगत फैसला है। यह ठीक है कि आतंकवादी अपने फैसले को मज़हब या मुल्क या जात से जोड़ने की पूरी कोशिश करेगा लेकिन इस कुचेष्टा में हम उसका साथ क्यों दें? किसी भी आतंकवाद को किसी मजहब से जोड़कर देखने का अर्थ है- उस आतंक को प्रतिष्ठा और समर्थन देना। आज जरुरी है कि आतंकवाद को पार्टी-चश्मों से न देखा जाए। पार्टी-चश्मों से देखेंगे तो वह कभी भगवा दिखेगा, कभी हरा, कभी लाल और कभी तिरंगा भी! यदि उसे राष्ट्रीय चश्मे से देखेंगे तो उसका एक ही रंग दिखेगा। वह है, काला।
जमात उद दावा के चीफ और मुंबई हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद ने भारत के गृहमंत्री की बड़ी तारीफ की .. पाकिस्तानी टीवी चैनेल जिओ को एक बाईट में उसने बताया की जमात पहले से ही कहता रहा है की भारत में हिन्दू ही आतंक फैलाते है और फिर उसके बाद भारत की मीडिया पाकिस्तान के खिलाफ जहर उगलने लगती है | भारत में हुए सारे आतंकी हमले के पीछे हिंदूवादी आतंकी ही है लेकिन बदनाम मुस्लिम होते है | भारत सरकार ने दो दो केबिनेट मंत्री जिसमे खुद गृहमंत्री भी शामिल है उन्होंने हिन्दुओ को बेनकाब कर दिया है | जमात सुशील साहब का तहे दिल से इस्तकबाल करता है
मित्रो बाद में गृहसचिव का बयान आता है की उनके पास १० हिन्दू आतंकवादियो की लिस्ट है इसी लिस्ट कके आधार पर दो दो कांग्रेसी गृहमंत्री कभी हिन्दू आतंकवाद तो कभी भगवा आतंकवाद के नाम पर हिन्दुओ को बदनाम करते रहते है | मजे की बात ये है की इन दसो लोगो में से किसी को आजतक एक भी अदालत ने दोषी नही ठहराया और ७ के खिलाफ तो आजतक चार्जशीट तक नही दायर की गयी है |
मुझे बताइए कि कौंग्रेस ने जिन दस लोगो के नाम के अधर पर 100 करोड़ हिन्दुओं को आतकवादी करार दिया, इस कौंग्रेस के मात्र एक लाख कार्यकर्ताओं और नेताओं के बीच आप इमानदारी से जांच कर लीजिये, आप पाएंगे कि एक लाख में से 99999 कार्यकर्ताओं और नेताओं पर चोरी, डकैती, बलात्कार, भर्ष्टाचार, ह्त्या और डराने-धमकाने के आरोप निकटवर्ती पुलिस स्टेशनों में होंगे। जब 10 व्यक्तियों की वजह से 100 करोड़ लोक आतंकी कहलाये जा सकते है तो इस पार्टी को क्या नाम दिया जाए ?
ये एनआईए जिसके जाँच के आधार पर कुछ हिन्दुओ को गिरफ्तार किया गया है ये वही ख़ुफिया एजेंन्सी हैं जिसने कुछ पाकिस्तानी आतंकवादी के नाम फोटो के साथ जारी किए थे वो भी खूंखार आतंकी बताकर, बाद में पता चला उनमें से कोई पनवाड़ी है तो कोई गन्ने का रस बेचता है, कोई मोबाईल की दुकान के काम करता है कोई लाहोर में कुली है । ये तो ठीक से षड़यंत्र भी नहीं रच पातीं। किसी साज़िश का भंडाफोड़ क्या करेंगी ?

फिर इस एनआईए के जाँच पर भरोसा कैसे किया जा सकता है ?
प्रथम तो कोई हिन्दू इस देश में आतंकी नहीं हो सकता क्योंकि उसका सरोकार मात्र भारत से ही है वह कहीं और से ना प्रेरणा लेता है ना उसकी श्रद्धा का केन्द्र किसी और देश में है. दूसरा कोई भी हिन्दू भारत को विखंडित करने की बात नहीं करता अवश्य ही उसके ह्रदय में वर्तमान शासन वयवस्था से मतभेद हो सकता है. तीसरा तथाकथित हिन्दू आतंकवादी उन आतंकवादियों से भिन्न है जो ना इस देश को अपना देश मानते हैं, ना उनका इस देश के झंडे, राष्ट्रगीत जैसे प्रतीकों के प्रति आदर का भाव है और तो और वह इस देश को या इसके किसी हिस्से को भारत से विलग करना चाहते हैं. यदि कोई हिन्दू हिंसा की राह पर चल रहा है तो यह उसका मन्त्व्य होगा पर उसमे राष्ट्रद्रोह कतई नहीं नज़र आयेगा. वह इस देश की खातिर लड रहा है हालांकि वह जिस राह पर चल रहा है वह कतई प्रशसंसनीय नहीं है. पर कम से कम हम उसे उन राष्ट्रद्रोहियों की श्रेणी में नहीं रख सकते जो इस देश के दुश्मन बने हुए हैं
गिने चुने केवल 10 हिन्दूवो पर आतंक के इल्जाम लगाकर, नादान शिन्दे और कॉंग्रेस ने हिन्दुओ के प्रति उनकी सोच स्पष्ट कर दी है! अब हिन्दुओ को सेकुलर कीचड़ से बाहर आकर केवल हिन्दुत्ववादी सरकार को चुनकर देना होगा और इस कॉंग्रेस और सेकुलर पार्टीयो को जमीन मे गाड़ना होगा, नही तो आनेवाले समयमे हिन्दुओ की हालत कश्मीरी पंडितो जैसी होगी ना घर और ना घाट. 
आज तक भारत में हजारो आंतकी वारदात मुस्लिम आतंकवादियो द्वारा की गयी जिसमे हजारो लोग मारे गये और अरबो रूपये का नुकसान हुआ ..

लेकिन क्या आज तक किसी दोगले कांग्रेसी गृहमंत्री या दोगले कांग्रेसी महासचिव ने "मुस्लिम आतंकवाद" या "इस्लामिक आतंकवाद" शब्द का प्रयोग किया ?

बिलकुल नही ..


अब भी अगर कोई हिन्दू कांग्रेस का समर्थन करता है या कांग्रेस को वोट देता है तो वो चौराहे पर पंचर लगाने वाले अब्दुल सत्तर का पैदाइश है या बकरा काटने वाले इस्माइल कसाई की औलाद है .. कोई हिन्दू कांग्रेस को वोट देने की बात तो दूर .. वोट देने की सोच भी नहीं सकता .. क्योकि देश के गृहमंत्री ने समूचे हिन्दू समाज और हिंदुत्व का अपमान किया है
हिन्दुओ .... एक बार कभी शांति से आँखे बंद करके अपनी जतिपाति तथा निजी स्वार्थ भुलाकर सोचना कि आखिर कांग्रेस के बड़े महासचिव और राहुल गाँधी के राजनितिक गुरु व उनके मुख्य सलाहकार भारतीय हिन्दू संतो को ठग, हत्यारा कहते है .. हिन्दू संतो के बारे में कहते है की उनके गले में पथ्थर बांधकर समुद्र में फेक देनी चाहिए ..
लेकिन वही कांग्रेस के महासचिव और राहुल गाँधी के राजनितिक गुरु और मुख्य सलाहकार ओसामा बिन लादेन को "जी" कहते है .. और कहते है की अमेरिका ने उन्हें इज्जत से क्यों नही दफनाया .. मुंबई हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद को "साहब" कहते है ...
भारत का गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे हाफिज सईद को संसद में "श्री" और "साहब" करके सम्बोधित करता है ...

मेरे हिन्दू मित्रो, क्या सेकुलर बनने का ठेका सिर्फ हम हिन्दुओ ने ही ले रखा है ? क्या हम हिन्दू अब आधुनिकता में इतने रम गये है की हमे अब हमारी करोड़ो सदी पुरानी हिन्दू संस्कृति , सनातन सभ्यता का घोर अपमान भी नही दिखाई देता ? क्या हम हिन्दू अब इतने जातिवादी हो चुके है की जब कोई हमारे जाति का अपमान करता है तब तो हम विरोध करते है लेकिन जब कोई हमारी माँ हिंदुत्व का अपमान करता है तो हम सब खामोश हो जाते है ? याद रखो हिन्दुओ ..अगर हिंदुत्व बचा रहेगा तभी तुम्हारी जाति बची रहेगी .. एक बार केरल, कश्मीर आसाम और पूर्वोत्तर के दुसरे राज्यों का दौरा करके देख लो .. क्या हाल हुआ हिन्दुओ का |
नीच कांग्रेसियो ...क्या स्वामी विवेकानन्द आतंकवादी थे ? क्या महर्षि दयानन्द आतंकवादी थे ? दोगलो तुम किसी हिन्दू बाप की औलाद हो ही नही सकते .. 
जो लोग खुद को हिन्दू बोलते है उन्हें जेल में डाल देना चाहिए .. मित्रो ये बात आजतक टीवी चैनेल पर किसी अलकायदा या जमात उददावा के आतंकवादी ने नहीं कही है बल्कि केन्द्रीय मंत्री वरिष्ठ कांग्रेसी नेता मणिशंकर अय्यर ने कही है
मेरे हिन्दू मित्रो .. अब तो जागो .. इस नीच कांग्रेस ने हमारी हिन्दू संस्कृति का घोर अपमान किया है .. हम हमेशा ही भगवा के लिए जीते है और मरते है .. जो भी हिन्दू का खून अगर सुशील कुमार शिंदे के बयान के बाद भी नही खौला तो उसका जमीर मर चूका है
उठो , जागो अपने मा की कसम खाओ के हिन्दुत्व पर बुरी नजर रखने वाले लोगो की खटिया खड़ी कर दोगे, हिन्दूवादी पार्टीयो को ही भरी बहुमत से जिताओगे अगर हिन्दुत्व पर आँच आती है तो हम हिंदुत्व की रक्षा के लिए उठ खड़े होंगे

सोशल मीडिया के जरिए कांग्रेस पर हमला करते हैं मोदी : दिग्विजय




सोशल मीडिया के जरिए गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी कांग्रेस पर हमला करते हैं और इसके लिए उन्होंने एक संस्था बनाकर वहां प्रोफेशनल्स भी तैनात किए हुए हैं. एबीपी न्यूज के खास कार्यक्रम साक्षात में कांग्रेस के महासचिव दिग्विजय सिंह ने ये दावा किया है. क्या कांग्रेस को घेरने के लिए गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी एक खास योजना और इंतजाम के तहत काम कर रहे हैं? ये सवाल खड़ा हआ है कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह के उस बयान से जो उन्होंने एबीपी न्यूज के खास कार्यक्रम साक्षात में दिए.

दिग्विजय का दावा है कि मोदी ने एक संस्था बना रखी है जहां पैसे देकर कुछ प्रोफेशनल्स नियुक्त किए गए हैं जो सिर्फ सोशल मीडिया के जरिए कांग्रेस के खिलाफ अभियान चलाते हैं. कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह के मुताबिक, 'नरेंद्र मोदी ने 'संस्कार केंद्र' नाम से संस्था बना रखी है जहां कुछ पेड प्रोफेशनल्स बैठे हैं जो 24x7 ट्रेकिंग करते हैं और जैसे ही किसी ने बीजेपी या मोदी के खिलाफ बोला तो एक कैंपेन आउटब्रस्ट सामने आता. हमारे पास इसके सबूत हैं.'

दिग्विजय सिंह का कहना है कि ऐसा कांग्रेस को निशाना बनाने के लिए किया जाता है, लेकिन कांग्रेस की तरफ से जवाब मिलने पर उन्हें खामोश होना पड़ता है. नरेंद्र मोदी सोशल मीडिया का खूब इस्तेमाल करते हैं. गुजरात विधानसभा चुनाव के दौरान भी उन्होंने इसे तवज्जो दी थी. मोदी ने इसके जरिए समाज के मध्यम वर्ग को खुद से जोड़ने की कोशिश की. कांग्रेस की नजर भी अब मिड्ल क्लास पर है. जयपुर के चिंतन शिविर में खुद कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने इस बात पर जोर दिया था कि मध्यम वर्ग पर ध्यान देने की जरूरत है.
मित्रो, कांग्रेस के पेट के इस बात पर दर्द उठ रहा है की कांग्रेस पैसे ऑफर करके भी लोगो को सोशल मीडिया पर कांग्रेस के लिए लिखने के लिए तैयार नही कर पा रही है ... क्योकि हम सब नरेंद्र मोदी के विचार धारा से बिना किसी स्वार्थ से जुड़े हुए है ...

मित्रो, गुजरात चुनाव के कुछ महीने पहले गुजरात कांग्रेस के एक बड़े नेता और विधायक ने मुझे बुलाया था और मुझे 60000 रूपये प्रतिमाह देने की पेशकश की | उन्होंने पूछा की मोदी या बीजेपी आपको कितना पैसा देते है ? मैंने कहा आपको गतलफहमी हुई है सिर्फ मै ही नही बल्कि फेसबुक पर जितने भी लोग मोदी जी के लिए सक्रिय है वो सब मोदी जी के लिए समर्पित है और सब के सब नेट का पैसा भी अपने अपने जेब से देते है .. हमारे लिए पैसा कुछ नही है विचारधारा ही सब कुछ है .. फिर बातो ही बातो में मैंने उनसे ही उगलवा लिया की कांग्रेस में सोशल मीडिया का क्या भाव चल रहा है .. उन्होंने कहा की हम लोगो को 50000 से लेकर 3000 तक दे रहे है ..

फिर कुछ समय बाद एक फेसबुक मित्र का फोन आया जो कांग्रेस के लिए लिखते है उन्होंने कहा की मुझे पता चला की कई लोगो को मेरे से ज्यादा पैसे दिए जा रहे है मैंने अर्जुन भाई से कई बार कहा की मेरा भी मेहनताना बढाओ लेकिन वो नही सुन रहे है इसलिए मै अब बीजेपी और नरेंद्र मोदी के लिए लिखना चाहता हूँ मुझे कितने पैसे आप दिला दोगे ? मैंने कहा कांग्रेसी एक कुत्ते की तरह होते है वो तब तक ही स्वामिभक्ति दिखाते है जब तक उनको बोटी मिले .. हम सब एक विचारधारा की लड़ाई लड़ रहे है और हमारे लिए पैसा कुछ नही है |

मित्रो, गुजरात चुनाव के हार के बाद नीच कांग्रेस ने जो हार पर रिसर्च करवाया तो पता चला की इस बार जो बम्पर वोटिंग हुई है वो सब के सब युवावर्ग ही वोट देने निकला जिसने थोक भाव में मोदी को वोट दिया जिसका प्रमुख कारण सोशल मीडिया रहा है क्योकि आजकल हर एक फोन में फेसबुक की सुविधा है और सोशल मीडिया पर कांग्रेस के खिलाफ लाखो नही बल्कि करोड़ो लोग सक्रिय है |
चूँकि कांग्रेस को सोशल मीडिया पर काम करने के लिए समर्पित युवा नही मिल रहे है इसलिए अब नीच और दोगली कांग्रेस ने सिर्फ सोशल मीडिया पर १०० करोड़ का बजट रखा है जिसमे युवाओ को पैसे, नेट कनेक्शन, लैपटॉप , टैब आदि देकर ललचाया जायेगा |

गडकरी बिलकुल ठीक कह रहे है .. पंचतन्त्र में भी कहा गया है "सठे साठयम समाचरेत' यानी दुष्टों के साथ दुष्टता ही करनी चाहिए .. लातो के भुत बातो से नही मानते

गडकरी जी ने आज कांग्रेस को कांग्रेस की ही भाषा मे उनको उत्तर दे रहे है. याद करे सोनिया ने मोदी को "मौत का सौदागर " कह कर इस प्रकार की भाषा के प्रयोग की शुरुवात की थी. ....

महाभारत के अनुसार कौरव सेना ने जब अनुचित ढंग से अभिमन्यु का वध किया था ,उसके बाद कौरवों के सेनापतियों को जो कुछ झेलना पड़ा , उसी प्रकार .अब कांग्रेसी भी उसी प्रकार की भाषा और बर्ताव के लिये तैयार रहे जो वे अब तक विरोधी पार्टियों के नेताओ के साथ करते आये है....

अटल जी की सरकार पुरे सात सालो तक रही .. उस समय एक भी विपक्ष के नेताओ के उपर कोई बदले की करवाई नही हुई.. यहाँ तक की राहुल गाँधी बोस्टन एयरपोर्ट पर ड्रग्स के साथ पकड़े गये तब रात को दो बजे सोनिया गाँधी नटवर सिंह के साथ वाजपेयी जी के घर मदद के लिए गये थे .. ये बात खुद नटवर सिंह और सुब्रमनियम स्वामी जी ने कई बार सार्वजनिक मंच से कही है ... मित्रो, महानता दिखाते हुए अटल जी ने जार्ज बुश को हॉटलाइन पर फोन करके राहुल गाँधी को छोड़ने की विनती की .. हलांकि एफबीआई राहुल गाँधी को छोड़ने के पक्ष में नही थी .. चूँकि अमेरिकी जाँच एजेंसियां स्वत्रंत होती है इसलिए एफबीआई ने पहले तो जार्ज बुश के आदेश को ठुकरा दिया फिर जार्ज बुश ने दबाव डालकर राहुल गाँधी को बचा लिया |

मित्रो, अब समय आ गया है की बीजेपी सज्जनता और महानता छोडकर दुष्टों के साथ दुष्टों जैसा ही वर्ताव करे .. क्योकि कांग्रेस एक सांप की तरह है जैसे ही मौका पाते है डस लेते है

मित्रो, मिशन २०१४ में जुट जाओ .. हम सबको एक साथ मिलकर नरेंद्र मोदी का भव्य राजतिलक करना है .. इस देश को कांग्रेस के खुनी पंजे से सिर्फ नरेंद्र मोदी ही बचा सकते है



 
 
एबीपी न्यूज़-नीलसन सर्वे के मुताबिक अगर आज लोकसभा के चुनाव हुए तो राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन यानी एनडीए अपने प्रतिद्वंद्वी संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन यानी यूपीए पर भारी पड़ेगा.

सर्वे के मुताबिक 39 फीसदी लोग बीजेपी और उनके सहयोगियों के हाथ में सत्ता की कमान देना चाहते हैं, जबकि महज़ 22 फीसदी लोग ही यूपीए और उनके सहयोगियों को फिर से सत्ता सौंपने के मूड में है. इस समय एनडीए में बीजेपी के अलावा शिवसेना, जेडीयू और अन्य शामिल हैं, जबकि यूपीए में कांग्रेस के अलावा एनसीपी, डीएमके, नेशनल कॉंफ़्रेंस और मुस्लिम लीग शामिल हैं.

इस तरह बीजेपी भी कांग्रेस पर भारी पड़ती दिख रही है. अगर आज चुनाव हुए तो 36 फीसदी जनता बीजेपी की झोली में अपना मत डाल देंगे, जबकि कांग्रेस महज़ 18 फीसदी वोट ही हासिल कर पाने में कामयाब हो पाएगी.

यह सर्वे 10 से 17 जनवरी के बीच 28 शहरों में किया गया. सर्वे में करीब नौ हज़ार मतदाताओं की राय शामिल की गई है.

कांग्रेस का गिरता ग्राफ़

ग़ौर करने वाली बात यह है कि ताज़ा सर्वे में शामिल लोगों में से 34 फीसदी ने 2009 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को वोट दिया था, जबकि 25 फीसदी ने कांग्रेस में अपना विश्वास जताया था.

ताज़ा सर्वे इस बात की चुग़ली कर रही हैं कि चुनाव के मुहाने पर खड़े इस देश में जहां यूपीए-2 के प्रति मतदाताओं का रुझान फीका पड़ा रहा है वहीं बीजेपी जनता की नब्ज़ पकड़ने में कामयाब होती दिख रही है.

कांग्रेस के लिए मायूसी की बात यह भी है कि 2009 में दूसरी बार सत्ता में आने के बाद एबीपी न्यूज़-नीलसन के सभी सर्वे में यूपीए सरकार के प्रदर्शन और प्रधानमंत्री के कामकाज के प्रति जनता की बेरुखी लगातार बढ़ती ही जा रही है.

एबीपी न्यूज़-नीलसन के सर्वे के मुताबिक यूपीए अपनी दूसरी सालगिरह के मौके पर मई 2011 में जहां 30 फीसदी जनता का विश्वास जीती थी वहीं बीजेपी 23 फीसदी मतदाताओं को ही अपनी झोली में रखने में सफल हो पा रही थी, लेकिन उसके बाद मौजूदा ताज़ा सर्वे को मिलाकर कुल पांच सर्वे कराए गए और हर बार बीजेपी, कांग्रेस से बाज़ी मारती दिखी.

Tuesday 8 January 2013

लव जिहाद का दिल दहला देने वाली सच्ची घटना..... गैर मुस्लिम लडकियो हो जाओ लव जिहाद से सावधान!.. हिन्दू लडकियों तुमको धर्म से भ्रस्त करने के लिए मस्जिदों में बाकायदा "वर्कशाप" आयोजित किये जा रहे है .. केरल में एक मस्जिद पर पुलिस ने छापा मारा तो खुलासा हुआ की मस्जिदों में अब मुस्लिम युवको को हिन्दू लडकिया पटाने के लिए बाकायदा वर्कशॉप आयोजित करने ट्रेनिग दी जा रही है



मुस्लिम युवक ने धर्म बदल हिन्दू बन कर रचाई शादी। मामला बिहार के समस्तीपुर जिले के "ताजपुर" थाना क्षेत्र के "हरिशंकरपुर बघौनी" के निवासी "सलाउद्दीन" उर्फ़ "राहुल" नामक मुस्लिम युवक ने समस्तीपुर जिले के "मोहिद्दीनगर" के निवासी शम्भू पोद्दार की लड़की पूनम कुमारी से प्रेम कर, अपने आप को हिन्दू बताते हुए लगभग 2 साल पूर्व दोनों दिल्ली चले गए। लड़की के अनुसार उन दोनों ने हिन्दू रीती के अनुसार शादी मंदिर मे कर ली। कुछ दिनों तक साथ मे रहने के बाद लड़का लड़की को अपने घर हरिशंकरपुर बघौनी ले गया। वह आने के बाद लड़की को पता चला की उसका कथित पति हिन्दू नहीं मुस्लिम है। उसके बाद उस लड़की ने अपनी आपबीती और उसके साथ हुए धोके की बात घरवालो एवं ग्रामीणों को बताई।

इसके बाद वह युवक पूनम को अपनी पत्नी मनाने से इंकार कर, लड़की को छोड़ कर दिल्ली भाग गया। पूनम एक दूध मुही बच्ची के साथ गली गली न्याय मांगती फिर रही है। 20 बार पंचायत होने के बाद भी कथित पति उसको अपने साथ रखने को तयार नहीं है और आये दिन पूनम कुमारी को जानवर की तरह मरता पिटता है। पीडिता ने तंग आकर थाना से गुहार लगाई मगर पुलिस ने पंचायत की बात कह कर पूनम कुमारी को भगा दिया। बीती रात फिर से सलाउद्दीन ने अपनी पत्नी पूनम कुमारी को जान से मरने की कोशिस की। लेकिन ग्रामीणों ने बिच बचाब किया और जख्मी पूनम को उन्होंने ताजपुर रेफरल अस्पताल मे भर्ती कराया।

इलाज के बाद "पूनम कुमारी" भिखाफियो की तरह अस्पताल के गेट पर अपनी दूध मुहि छोटी सी बच्ची के साथ इस भयानक ठण्ड में बैठ कर आने जाने वाले लोगो को अपना दुखार सुना रही थी और मदद के लिए गुहार लगा रही थी। लेकिन लोग उसके बात को एक कहानी समझ कर सुने और चलते बने। पूनम की मदद के लिए न तो आज महिला आयोग आगे आ रही है, ना तो प्रशासन, न तो देश के सेक्युलर मीडिया और न ही कोई जनप्रतिनिधि।

अगर आपमें से कोई पूनम के बारे में जानता है तो कृपया इस अबला बच्ची की मदद करे और सभी हिन्दू, सिख भाई बहन अपने बच्चियों को मुस्लिमो द्वारा पुरे देश में बड़े पैमाने पर चलाये जा रहे लव जिहाद के बारे में जागरूकता जगाये।

ओबैसी की पार्टी [MIM-- Majlis-e-Ittehad-ul Muslimeen] का इतिहास .. ये शुरू से देशद्रोहियो की जमात रही है |



मित्रो, आज ये ओबैसी कट्टर इस्लामवाद की बात करता है लेकिन इस पार्टी का जन्म ही इस्लाम के सिधान्तो के खिलाफ हुआ है | इस्लाम में व्यक्ति पूजा की मनाही है लेकिन हैदराबाद के निजाम मीर उस्मान अली खान को खुश करने के लिए उनके एक चमचे मंत्री महमूद नवाज खान किलेदार ने 1927 में इस पार्टी की स्थापना की थी | इस पार्टी की स्थापना के पीछे एक ही मकसद था की निजाम को खुश किया जाये ..

फिर 1943 में इस पार्टी के चीफ नबाब बहादुर यार जंग ने लाहौर में अधिवेशन किया | इस अधिवेशन में ढ़ाका के नबाब सलिमुल्ला खान .. मशहूर कवि मोहमद इक़बाल, मोहम्मद अली जिन्ना, हैदराबाद के निजाम, जूनागढ के नबाब महावत खान बाबी आदि शामिल हुए .. और पहली बार हिंदुस्तान को बाटने और पाकिस्तान बनाने का प्रस्ताव पेश किया गया |

फिर देश के बटवारे के पश्चात MIM चीफ कासिम रिजवी ने हैदराबाद को पाकिस्तान का हिस्सा बताया और निजाम के प्रधानमन्त्री मीर लायक अली ने हैदराबाद को पाकिस्तान में शामिल होने की घोषणा करते हुए हैदराबाद स्टेट के रहने वाले समस्त हिन्दुओ, जैनों, बौध आदि को 24 घंटे में हैदराबाद राज्य छोड़ने का आदेश दिया और न छोड़ने पर कत्लेआम करने का आदेश दिया | हैदराबाद में MIM के सदस्यों के द्वारा निजाम के देखरेख में हिन्दुओ का कत्लेआम शुरू हो गया और करीब तीन सौ हिन्दुओ को मारा गया |

हैदराबाद के हालत देखकर जवाहर लाल नेहरु ने हैदराबाद को पाकिस्तान में शामिल होने का समर्थन किया लेकिन गृहमंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल ने तुरंत ही सेना भेजकर हैदाराबाद को भारत सरकार के कब्जे में ले लिया .. और हैदराबाद स्टेट के  प्रधानमत्री मीर लायक अली और MIM चीफ कासिम रिजवी को जेल में डाल दिया गया .. बाद में पाकिस्तानी दूतावास ने एक साजिश रचकर मीर लायक अली को जेल से हिजड़े के वेश में जेल में  फरार करवाकर पाकिस्तान भेजवा दिया |

लेकिन MIM चीफ कासिम रिजवी 1948 से 1957 तक जेल में रहा फिर पाकिस्तान चले जाने की शर्त पर उसे रिहा करके कराची भेज दिया गया |

मित्रो, जब तक सरदार पटेल गृहमंत्री रहे तब तक उनके  आदेश पर MIM पर 1948 से 1957 तक प्रतिबन्ध रहा . इसके सभी प्रमुख लोगो को जेल में डाल दिया गया था | लेकिन 1957 में जब जवाहर लाल नेहरु दूसरी बार भारत के प्रधानमन्त्री बने तो उन्होंने देश को बाटने वाली इस पार्टी MIM पर से प्रतिबन्ध उठा लिया | और इसे एक राजनितिक दल की मान्यता दे दी .. शायद जवाहर लाल में अंदर मौजूद गयासुद्दीन गाजी का खून इसके लिए जिम्मेदार था |

प्रतिबन्ध उठने के बाद हैदराबाद में मुसलमानों ने MIM का बैठक बुलाया और एक कट्टर मुस्लिम अब्दुल वाहिद ओबैसी जिसके उपर कई कई आपराधिक केस दर्ज थे उसे MIM का चीफ बनाया गया | फिर बाद में वाहिद का बेटा सुल्तान सलाहुद्दीन ओबैसी ने MIM की कमान सम्भाली .. सलाहुद्दीन ओबैसी और इंदिरा गाँधी में बहुत ही ज्यादा निकटता थी | इस निकटता के पीछे भी बहुत रोचक कहानी है | इंदिरा गाँधी ने सलाहुद्दीन ओबैसी को हर तरह से मदद दिया उसे खूब पैसा भी दिया गया मकसद एक ही था की किसी भी कीमत पर आंध्रप्रदेश में तेजी से लोकप्रिय नेता के तौर पर उभर रहे फिल्म अभिनेता एनटी रामाराव को रोका जाये |

एन टी रामा राव को रोकने के लिए इंदिरा गाँधी ने बहुत ही गंदा खेल खेला जिसकी कीमत देश आज भी चूका रहा है | इंदिरा गाँधी ने MIM से गठ्बन्धन करने उसे तीन लोकसभा और आठ विधानसभा सीट पर जीत दिलाकर एक बड़ी राजनितिक ताकत दे दी |

2008 में सुल्तान सलाहुद्दीन ओबैसी के मरने के बाद उसका बड़ा बेटा असद्दुदीन ओबैसी MIM का चीफ बना .. और मजे की बात ये है की आज भी इस देशद्रोही और गद्दार ओबैसी खानदान की गाँधी खानदान से दोस्ती बदस्तूर जारी है और आज दोनों ओबैसी भाई राहुल गाँधी और प्रियंका गाँधी के अच्छे दोस्तों में शुमार किये जाते है |

Wednesday 2 January 2013

जब सुषमा स्वराज ने "ये देश है वीर जवानो का" गाने पर डांस किया तब नीच मीडिया और नीच कांग्रेसी कई कई दिनों पर अपनी छाती कूट रहे थे की सुषमा ने ठुमके क्यों लगाये ... अब ये पोपली बुढिया दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीछित उर्फ़ चाची 420 हनी सिंह के साथ स्टेज पर "मै हूँ बलात्कारी आजा चीर दू तेरी पटियाला सलवार" जैसे अश्लीलतम गाने पर डांस कर रही है तो इस पर दोगले मीडिया वाले खामोश क्यों है ?


क्या भारत में नीच और हरामखोर मीडियावालो को सिर्फ बीजेपी के नेता ही दीखते है ? इन दोगलो को कभी कांग्रेसी नेता क्यों नही दीखते ?
मित्रो, सोचिए .. सुषमा स्वराज जी ने एक देशभक्ति के गाने पर डांस किया था .. हम भारतीय लोगो जब भी कोई वीररस का गीत सुनते है तो स्वाभाविक रूप से हमारे कदम थिरकने लगते है.. क्योकि हमारे अंदर वीरो का खून दौड़ता है ..

लेकिन एक कांग्रेसी और वो भी देश की मुख्यमंत्री के कदम और कमर 72 साल की उम्र में किसी देशभक्ति के गाने पर नही बल्कि अश्लीलतम गाने पर ही थिरकते है .. और वो भी "मै हूँ बलात्कारी आ जा चीर दूँ तेरी पटियाला सलवार" जैसे गाने पर |
मित्रो असल में इन कांग्रेसियों के अंदर किसी न किसी बलात्कारी का ही खून दौड़ता है ..ये कांग्रेसी किसी देशभक्त की औलाद हो ही नही सकते |

लेकिन, मित्रो, चलो कांग्रेसी वही कर रहे है जो इनकी संस्कृति और सभ्यता है ..लेकिन ये दोगले मीडिया वाले भी क्या किसी बलात्कारी की पैदाइश है ? इन बलात्कार के उपज मीडिया वालो को ये विडिओ क्यों नही दिखता ?
http://www.youtube.com/watch?v=TgNJBCmJx44

आज सुबह पेपर देखा ... गुजरात समाचार..संदेश और दिव्यभास्कर .... सारे कांग्रेसी इतने खुश होकर ब्यान दे रहे है जैसे इनकी अम्मा माँ बन गयी हो .... शक्तिसिंह गोहिल और अर्जुन भाई कह रहे है की जब सुप्रीमकोर्ट में गुजरात सरकार को हारना ही था तब गुजरात सरकार कोर्ट के लफड़े में क्यों पड़ी क्यों कोर्टकेस पर रूपये बर्बाद किया ...


अब मुझे ये समझ में नही आता की ये "इंटरनेशनल सलाहकार" क्या सिर्फ गुजरात सरकार को ही सलाह देने के लिए पैदा हुए है ?

क्या इनको ये नहीं मालूम की अदालत में  एक पक्ष की हार होनी तय होती है |



और तो और कई मुर्ख कांग्रेसी तो नरेंद्र मोदी का इस्थिपा तक मांगने लगे ....

अब मै इन मूर्खो को याद दिलाता हूँ की इनकी अम्मा की कांग्रेस की केंद्र सरकार कितने केस हारी .. और करोड़ो नही बल्कि हजारो रूपये कोर्ट केस में बर्बाद किये

1--  २ जी घोटाले में सुप्रीमकोर्ट में केंद्र सरकार हार गयी .. फिर जब केंद्र सरकार को हारना ही था तो उसने २ जी पर सिर्फ अदालती खर्च पर तीन सौ अस्सी करोड़ रूपये खर्च क्यों किये ?
2- सीवीसी के नियुक्ति पर सुषमा स्वराज के आपत्ति के बावजूद भी केंद्र सरकार ने पीजे थामस को सीवीसी नियुक्त कर दिया था बाद में सुप्रीमकोर्ट में केंद्र सरकार हार गयी और केंद्र को थामस को हटाना पड़ा ..
फिर ये शक्तिसिंह गोहिल केंद्र सरकार से क्यों नही पूछते की जब सीवीसी विवाद में हारना ही था तब कांग्रेस कोर्ट में क्यों गयी ?

3- स्पेक्ट्रम घोटाले में सुप्रीमकोर्ट में हारने के वावजूद भी केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में प्रेसिडेंशियल रिफरेंस अर्जी राष्ट्रपति के द्वारा डाली .. इसमें भी केंद्र को झटका लगा ..

4- मुस्लिम आरक्षण केस भी केंद्र सरकार हार गयी जबकि केंद्र को अच्छी तरह पता है की भारत का सम्विधान किसी भी तरह के धार्मिक आरक्षण के खिलाफ है |
5- कोयला आवंटन रद्द करने की मांग पर सरकार अड़ी रही बाद में सुप्रीमकोर्ट में केंद्र सरकार को तगड़ा झटका लगा और केंद्र सरकार को कोल आवंटन रद्द करने पड़े |

6-राम सेतु मामले पर भी केंद्र सरकार अड़ी रही और सुप्रीमकोर्ट में यहाँ तक एफिडेविद किया की भगवन राम का भारत में कभी कोई अस्तिव था ही नही .. भगवान राम तो एक काल्पनिक पात्र है रामायण सिर्फ कल्पनाओ के आधार पर लिखा गया है | लेकिन इस मामले में भी सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार की करारी हार हुई ..और सेतुसमुद्रम प्रोजेक्ट पर खरबों रूपये बर्बाद करने के बाद उसे बीच में रद्द करना पड़ा |
7- अमित शाह मामले में भी सुप्रीमकोर्ट में केंद्र की सीबीआई को तगड़ा झटका देते हुए उन्हें कई मामले में बरी कर दिया और उन्हें गुजरात में रहने की अनुमति दे दी

मित्रो, ऐसे एक दो नहीं बल्कि सैकड़ो केस में जिसमे केंद्र की कांग्रेस सरकार को सुप्रीमकोर्ट में तगड़ा झटका लगा है ,,, और केंद्र की कांग्रेस सरकार ने इन मुकदमो पर करोड़ो नही बल्कि खरबों रूपये खर्च किये है और ये सारे रूपये बर्बाद ही हुए है ...

फिर गुजरात के इन नमूनों को केंद्र सरकार की मुकदमेबाजी में खरबों रूपये की बर्बादी क्यों नही दिखती ?